नेशनल कैंसर जागरूकता दिवस: रोगियों के लिए इम्यूनोथेरेपी एक वरदान- डॉ. ताराचंद गुप्ता
National Cancer Awareness Day: भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. ताराचंद गुप्ता ने कहा कि कैंसर रोगियों के उपचार में लॉ डोज इम्यूनोथेरेपी एक वरदान के रूप में उभर कर सामने आई है.
Jaipur: कैंसर रोगियों के उपचार में लॉ डोज इम्यूनोथेरेपी एक वरदान के रूप में उभर कर सामने आई है. इस थेरेपी की वजह से कैंसर उपचार का खर्च 10 फीसदी ही रह गया हैं, कैंसर से ठीक होने के परिणाम 50 फीसदी अधिक बढ गए है. यह कहना है भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ ताराचंद गुप्ता का.
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डॉ. ताराचंद गुप्ता ने बताया कि एडवांस स्टेज के कैंसर रोगियों के उपचार इम्यूनोथेरेपी बेहद कारगर और आधुनिक उपचार है, लेकिन इनकी दवाएं पेटेंट होने की वजह से बहुत ज्यादा महंगी है. जिसकी वजह से हमारे देश में अधिकांश लोग चाहते हुए भी यह दवा नहीं ले पाते. इस थेरेपी के परिणाम कम कीमत में भारतीयों को उपलब्ध हो सकें इसके लिए टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में शोध करके लॉ डोज इम्यूनोथेरेपी की खोज की है. राजस्थान में बीएमसीएच में इस थेरेपी की शुरुआत हुई और रोगियों में बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं.
इन कैंसर के उपचार में भी मददगार
इम्यूनोथैरेपी एडवांस स्टेज के फेफड़े मूत्राषय, लिवर, गुर्दे, मेलेनोमा (त्वचा का कैंसर) और लिम्फोमा (रक्त का कैंसर) के उपचार में भी काफी प्रभावी साबित हो रही है. कैंसर उपचार में जहां, दवाओं के कई नकारात्मक प्रभाव मानव शरीर पर पडते है जैसे बालों को झड़ना, उल्टी आना और मुंह में छाले इन सभी नकारात्मक प्रभावों को इस थैरेपी के जरिए काफी हद तक कम किया जा सकता है.
इस थैरेपी के बेहतर परिणामों के चलते अर्ली स्टेज के कैंसर उपचार में भी इसका प्रयोग किया जा रहा है. कैंसर सेल इम्यून सिस्टम को ब्लॉक कर देते है. इम्यूनोथैरेपी कैंसर सेल को इम्यून सिस्टम से हटाने का काम करती है. यह थैरेपी रोगी में इम्यून सिस्टम की क्षमता को बढ़ाती है. इसी वजह से इस थैरेपी में कैंसर रोगी का सरवाइवल टाइम बढ़ना संभव हो पाया है.
नियमित जांच से रुक सकता है कैंसर
चिकित्सा निदेशक डॉ. गीतांजली अग्रवाल जोषी ने बताया कि भारत में कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या को जागरूकता और समय पर जांच के साथ कम किया जा सकता है. सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. शषिकांत सैनी ने बताया कि जागरूकता की कमी के चलते रोगी को इस कैंसर की पहचान रोग के बढ़ जाने के बाद (एडवांस स्टेज) पर होती है. जीवनशैली में बदलाव और नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह, जांच करवाने पर कैंसर को रोका जा सकता है. रेडिएषन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ टीपी सोनी ने बताया कि राज्य सहित सम्पूर्ण देष में कैंसर रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफोर्मेटिक्स एंड रिसर्च (एनसीडीआईआर) की ओर से जारी नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम रिपोर्ट में देशभर में कैंसर के आंकडों में वृद्धि बताई गई. रिपोर्ट में सामने आया कि 2020 में कैंसर के 13.9 लाख मामले सामने थे. ऐसे में 2025 में बढ़कर 15.7 लाख तक पहुंचने की आशंका है. मुहं, फेफडें, पांचन तत्र सहित कई तरह के कैंसर का प्रमुख कारण तंबाकु, बिडी और सिगरेट गुटखा है.
राजस्थान में तेजी से बढ़ने वाले प्रमुख कैंसर
होठ, मुंह और गले का कैंसर
पाचन तंत्र का कैंसर
श्वास नली का कैंसर
स्तन कैंसर
रक्त कैंसर
जननांग का कैंसर
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