Rajasthan: कांग्रेस के एक और MLA ने खोला मोर्चा! कहा-सरकार में सत्ता का विकेंद्रीकरण होना चाहिए
सोलंकी ने कहा कि ‘हेमाराम चौधरी हमारे आदर्श हैं, गरीबों के मसीहा हैं, और मैं स्पष्टता से कहना चाहता हूं कि राजस्थान में उनके जैसा ईमानदार नेता मैंने आज तक नहीं देखा.’
Jaipur: कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी के विधानसभा अध्यक्ष को त्यागपत्र भेजे जाने के एक दिन बाद बुधवार को सत्ताधारी पार्टी के एक अन्य विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा कि सरकार में सत्ता का विकेन्द्रीकरण होना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी होनी चाहिए.
उल्लेखनीय है कि पिछले साल जब कांग्रेस नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के खिलाफ बगावती तेवर अपनाए थे तो उनका साथ देने वाले 19 विधायकों में हेमाराम चौधरी की तरह वेद प्रकाश सोलंकी भी पायलट गुट में शामिल थे.
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी ने मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेजा था, जिसे अभी स्वीकार नहीं किया गया है. सोलंकी ने कहा कि ‘हेमाराम चौधरी हमारे आदर्श हैं, गरीबों के मसीहा हैं, और मैं स्पष्टता से कहना चाहता हूं कि राजस्थान में उनके जैसा ईमानदार नेता मैंने आज तक नहीं देखा.’
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उन्होंने कहा कि ‘हेमाराम ईमानदार है, कर्त्तव्यनिष्ठ है, जमीनी स्तर से जुड़े है और बहुत वरिष्ठ नेता हैं. उनकी जो मांग है या उन्होंने भावुकता में या किसी भी तरह से इस्तीफा दिया है. उनके इस्तीफे की जो वजह है उसे देखना चाहिए और आलाकमान को किसी भी परिस्थिति में उनको मनाना चाहिए. जिससे कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं हो.’
उन्होंने कहा कि ‘राजस्थान में हेमाराम चौधरी जैसे विरले नेता है जो वास्तव में समाज और क्षेत्र के लिये काम करना चाहते हैं. उनका इस्तीफा देना आज की राजनीतिक परिस्थितियों में सबसे बड़ा घटनाक्रम है.’ उन्होंने कहा कि ‘मैं कांग्रेस आलाकमान से अनुरोध करता हूं कि उनकी मांगों और मुद्दों पर विचार किया जाए.’
सोलंकी ने कहा कि जिन कार्यकर्ताओं ने वास्तव में कांग्रेस के लिये खून पसीना बहाया है उन कार्यकर्ताओं को मौका देना चाहिए. कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा हुआ है. सत्ता में उनको जो भागीदार ढाई साल में मिलनी चाहिए थी, वो नहीं मिल पा रही है.
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उन्होंने कहा कि ‘इसमें कोई दो राय नहीं है कि सरकार में अफसरशाही हावी है. सत्ता का विकेन्द्रीकरण होना चाहिए ज्यादा से ज्यादा भागीदारी इसके अंदर होनी चाहिए. जब भागीदारी कम लोगों की है तो अफसरशाही हावी होगी ही.’
उन्होंने कहा कि ‘कई मंत्रालय अभी बिना मंत्रियों के चल रहे है तो जहां मंत्री नहीं होंगे वहां अफसरशाही हावी होगी. इसलिये मैंने पहले भी कहा था कि जल्द से जल्द सत्ता का विकेन्द्रीकरण किया जाये जिससे ज्यादातर लोगो को मौका मिले.'
(इनपुट-भाषा)