राजस्थान से छठी बार विधायक पूर्व मंत्री पूर्व नेता प्रतिपक्ष हेमाराम चौधरी ने विधानसभा अध्यक्ष को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा भेजा है.
Trending Photos
Jaipur: राजस्थान (Rajasthan) में कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ विधायक और पायलट कैंप के नेता हेमाराम चौधरी (Hemaram Choudhary) के इस्तीफे की पेशकश से प्रदेश की सियासत में एक बार फिर से भूचाल आ गया है.
यह भी पढे़ं- Congress के गुड़ामालानी विधायक Hemaram Choudhary ने दिया इस्तीफा, जानें बड़ी वजह
राजस्थान से छठी बार विधायक पूर्व मंत्री पूर्व नेता प्रतिपक्ष हेमाराम चौधरी ने विधानसभा अध्यक्ष को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा भेजा है.
यह भी पढे़ं- CM Gehlot ने साधा केंद्र सरकार पर निशाना, बोले- फ्री वैक्सीन की मांग नहीं मानी
हेमाराम चौधरी ने लिखा है कि राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Legislative Assembly) के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियम-173 के अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र गुड़ामालानी की विधानसभा की सदस्यता का त्याग पत्र संलग्न कर प्रेषित कर रहा हूं, जिसे कृपया आज ही स्वीकृत करने की कृपा कराएं.
इस्तीफे को लेकर सामने आईं ये वजहें
दरअसल, सरकार में मंत्री पद नहीं मिलने के बाद से हेमाराम चौधरी नाराज चल रहे थे. पिछले साल कांग्रेस के सियासी घमासान के दौरान हेमाराम चौधरी पायलट कैंप (Pilot Camp) में शामिल थे. उसके बाद से पायलट कैंप की ओर से मंत्री बनने वाले नेताओं में उनका नाम शामिल था लेकिन स्थानीय स्तर पर मंत्री हरीश चौधरी (Harish Chaudhary) से उनकी अदावत और पार्टी और सरकार में कामकाज नहीं होने को लेकर उनकी नाराजगी थी.
दामाद के तबादले की भी बात आ रही सामने
ताजा घटनाक्रम उनके दामाद के तबादले को लेकर था. हेमाराम चौधरी अक्सर कई बार सार्वजनिक तौर पर भी अपनी नाराजगी व्यक्त करते थे लेकिन आखिरकार उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी (CP Joshi) को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा भेज दिया है.
पूर्व नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हेमाराम चौधरी
हेमाराम चौधरी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं. वे राजस्व उपनिवेशन एवं सैनिक कल्याण विभाग, जल संसाधन, कृषि, परिवार कल्याण विभाग के मंत्री रहे हैं. हेमाराम चौधरी पूर्व नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं. हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बाद राजस्थान की सियासत को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
माना जा रहा है कि सियासी घमासान के बाद पायलट कैंप के नेताओं को फिर से मंत्री नहीं बनाए जाने को लेकर चल रही नाराजगी और खुलकर सामने आ सकती है. हेमाराम चौधरी के इस्तीफे की पेशकश के बाद कई और नेता भी इस तरह की पेशकश कर सकते हैं.
पार्टी स्तर पर मनाने की कोशिश
बता दें कि यह तीसरा मौका है, जब हेमाराम चौधरी ने इस्तीफा दिया है. पहली बार 25 जुलाई 2013 को रिफाइनरी के मुद्दे पर मंत्री पद से, दूसरी बार 14 फरवरी 2019 को विधानसभा की सदस्यता से और तीसरी बार आज विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा भेजा है. इससे पहले भी दो बार इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है.
देखना होगा कि विधानसभा स्पीकर क्या यह इस्तीफा स्वीकार करते हैं या मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) हेमाराम चौधरी को मनाने में कामयाब रहते हैं?