Chaksu: जयपुर जिले के चाकसू उपखंड के ग्राम शक्करखावदा से बड़ी मालपुरिया वाया मंडालिया मैदा, गोविंदपुरा सहित दर्जनभर गांवों को जोड़ती सड़क का नवीनीकरण कार्य अधूरा पड़ा है. ग्रामीणों की माने तो चाकसू पीडब्ल्यूडी विभाग व ठेकेदार की सड़क निर्माण को लेकर लापरवाही है.


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यहां 9 किलोमीटर तक सड़क नवीनीकरण कार्य पिछले 1वर्ष से अधूरा पड़ा है. पुरानी डामरीकरण सड़क को उधेड़कर छोड़ने से आवागमन में लोगों को भारी परेशानी हो रही है.आए दिन हादसों को आशंकाए बनी रहती है क्योंकि सड़क पर रोड़ी, कंकर निर्माण मेटेरियल हादसे के सबब बने हुए है. सड़क निर्माण कार्य काफी समय से बंद पड़ा था जो अब कुछ दिनों पहले चला जिसमें भी खुलकर भ्रष्टाचार के आरोप लगे रहे हैं. सड़क बनने के 7 दिन के अंदर जगह जगह से गड्ढे हो गए हैं और सड़क उधड़ गई जिससे साफ तौर पर भ्रष्टाचार नजर आ रहा है.


प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेज 3 के तहत सड़क सुदृढीकरण कार्य प्रारंभ 8 फरवरी 2021 व कार्य समाप्ति की अवधि 7 दिसंबर 2021को पूरी हो गई. इसके काफी समय बाद ठेकेदार ने सड़क का निर्माण कार्य चालू किया है. जिसमें भी ग्रामीणों ने घटिया सामग्री से सड़क बनाने का आरोप लगाया. सड़क शक्करखावदा से बड़ी मालपुरिया के लिए 9 किलोमीटर बननी थी. जिसमें भी ठेकेदार के द्वारा बड़ी मालपुरिया से मण्डालिया मैदान तक अभी तक करीब 5 किलोमीटर सड़क बनाई गई है. जो मात्र 7 दिन के अन्दर ही जगह-जगह से टूट गई है. इस सड़क के घटिया निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने 5 दिन कार्य भी रूकवा दिए थे लेकिन बाद में ग्रामीणों पर दबाव बनाकर सड़क बना दी गई है जो जगह - जगह से टूट चुकी है.


ऐसे में लोगों को सरकार की जन कल्याणकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. डिजिटल युग में आज भी विकास के दौर में गांव काफी पिछड़ नजर आ रहा है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत शक्कर खावदा से मालपुरिया तक लगभग 9 किलोमीटर लंबी जो लगभग 4 करोड़ 32 लाख रुपये की लागत से बननी थी लेकिन 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज भी सड़क का काम अधूरा लटका हुआ है. साथ ही जितनी रोड बनी है उसमें भी जगह जगह गड्ढे हो गए. जिससे आये दिन हादसे होते रहते हैं. इस मामले में ग्रामीणों ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए घटिया निर्माण की जांच मांग करते हुए अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दे चुके हैं और ग्रामीणों की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.


इस मामले में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता डी.के फुलवरिया से बात की तो उन्होंने माना है कि सड़क पर जगह जगह पेच पड़ गए हैं. उन्होंने कहा कि संबधित ठेकेदार कार्य एजेंसी को इस बाबत कई बार नोटिस दिया जा चुका है. अब इसमें क्लास 52,व 53 में नोटिस दिया गया है. जो निर्माण हुआ है उसकी जांच करवाई जाएगी और घटिया निर्माण पाया जाता है तो उस सड़क को वापस उधेड़ कर बनवाई जाएगी. ग्रामीणों का मिलीभगत का आरोप गलत है. हमें जैसे ही शिकायत मिली थी उस पर ठेकेदार को नोटिस दिया गया. अभी तक ठेकादार को किसी भी प्रकार का कोई पेमेंट नहीं किया गया जब तक कार्य पूर्ण व गुणवत्तापूर्ण नहीं होता है तो किसी भी प्रकार का कोई पेमेंट नहीं किया जाएगा. वहीं उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है.


अकसर देखने व सुनने में आता है मिलीभगत का खेल लेकिन, समय पर कोई भी अधिकारी घटिया निर्माण सामग्री की जांच कर गुणवता वाला निर्माण करवाये ताकि समय रहते सरकारी पैसों का दुरुपयोग ना हो साथ ही समय का बचाव और क्षेत्र के लोगों को सुगम व्यवस्था मिल सके.


Reporter :- Amit yadav


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