RAS Result 2018 में इंटरव्यू मसले के बाद आया नया विवाद, कास्ट सर्टिफिकेट पर मचा बवाल
जयपुर के अधिवक्ता ने आरपीएससी चेयरमैन को पत्र लिखकर जाति प्रमाण पत्र (caste certificate) पर सवाल खड़े किए हैं.
Jaipur: आरएएस भर्ती 2018 (RAS Recruitment 2018) के साक्षात्कार में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) के रिश्तेदारों के 80-80 फीसदी अंक आने का मामला अभी थमा ही नहीं है और अब एक और नया विवाद खड़ा हो गया है, वो है दोनों की अभ्यर्थियों को कास्ट सर्टिफिकेट का.
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जयपुर के अधिवक्ता ने आरपीएससी चेयरमैन को पत्र लिखकर जाति प्रमाण पत्र (caste certificate) पर सवाल खड़े किए हैं. साथ ही आरपीएससी की ओर से कार्रवाई नहीं करने पर मामले की रिपोर्ट थाने में दर्ज करवाने की भी बात पत्र में की गई है, जिसके बाद एक बार फिर से ये मामला गर्माता जा रहा है.
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पूरे मामले को लेकर प्रदेश सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी (Mahesh Joshi) का कहना है कि "आरपीएससी चेयरमैन भूपेन्द्र यादव (Bhupendra Yadav) का जो पक्ष आया है, उसके बाद इन तमाम विवादों पर विराम लग जाना चाहिए लेकिन इसके बाद भी कुछ लोग इस मुद्दे को हवा दे रहे हैं. साक्षात्कार का जो बोर्ड होता है, उसकी जानकारी 10 मिनट पहले ही मिलती है. साथ ही साक्षात्कार में एक्सपर्ट बैठते हैं, इसलिए दोनों अभ्यर्थियों को 80-80 फीसदी अंक आना मात्र एक संयोग है."
क्या कहना है महेश जोशी का
वहीं, दूसरी ओर अब प्रदेश के बेरोजगारों की ओर से भर्तियों में साक्षात्कार को हटाने या फिर इनकी अंकों की सीमा कम करने की मांग उठने लगी है, जिस पर महेश जोशी का कहना है कि "साक्षात्कार इसलिए होता क्योंकि इससे अभ्यर्थियों की किसी भी विकट समस्या से सामना करने की काबिलियत का पता चल सके. यूपीएससी के नियमों के अनुसार ही साक्षात्कार का फैसला लिया जाता है. अगर नम्बर कम करना या खत्म करने का सवाल है तो पहले यूपीएससी में इसको फैसला लेना चाहिए."
80 फीसदी के अंकों को महज एक संयोग नहीं मानते देवनानी
वहीं दूसरी ओर पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी (Vasudev Devnani) 80 फीसदी के अंकों को महज एक संयोग नहीं मानते हैं. वासुदेव देवानानी का कहना है कि "ऐसा मुमकिन है की दो लोगों के 80-80 फीसदी अंक आएं लेकिन एक ही परिवार के दो लोगों के आएं ऐसा तो मुमकिन नहीं लगता है. जो पैनल तैयार होता है उसकी जानकारी 10 मिनट में दे दी जाती है, ऐसे में ये संभव है कि पहले वो अभ्यर्थियों की डिटेल प्राप्त कर सके. इसके साथ ही पैनल में जो भी एक्सपर्ट और सदस्य होते हैं, उनमें से नम्बर देने का हक सिर्फ सदस्यों को ही होता है एक्सपर्ट को नहीं. इसलिए नम्बरों का खेल साक्षात्कार में हुआ है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है."