लिखित परीक्षा में 47 से 50 फीसदी अंक प्राप्त करने वाले तीनों ही लोगों के साक्षात्कार (Interview) में 80 फीसदी अंक आना अजब संयोग करार दिया जा रहा है.
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Jaipur: पिछले दिनों आरपीएससी (RPSC) की ओर से आरएएस भर्ती-2018 (RAS Recruitment-2048) का अंतिम परिणाम जारी किया. परिणाम से पहले साक्षात्कार (Interview) में पैसे लेकर पास करवाने का एक बड़ा खुलासे का विवाद अभी थमा ही नहीं है कि अब कांग्रेस (Congress) के प्रदेशाध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) के साथ जाने अनजाने में एक नया ही संयोग जुड़ गया है. आरएएस भर्ती के परिणाम में डोटासरा की पुत्रवधू के भाई और बहन के साक्षात्कार में 80 फीसदी अंक आना अब प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है.
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शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की पुत्रवधु प्रतिभा (Pratibha) के भाई गौरव और बहन प्रभा (Prabha) का आरएएस भर्ती 2018 के साक्षात्कार में 80 फीसदी अंक आना एक संयोग के रूप में माना जा सकता है लेकिन वर्तमान में ये अंक प्रदेश में सबसे ज्यादा चर्चाओं का विषय बन चुके हैं क्योंकि डोटासरा की पुत्रवधु प्रतिभा ने आरएएस भर्ती 2016 में ही साक्षात्कार में 80 फीसदी अंक प्राप्त किए थे. ऐसे में लिखित परीक्षा में 47 से 50 फीसदी अंक प्राप्त करने वाले तीनों ही लोगों के साक्षात्कार (Interview) में 80 फीसदी अंक आना अजब संयोग करार दिया जा रहा है.
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आरएएस भर्ती-2016 में प्रतिभा ने लिखित परीक्षा में 50.25 फीसदी अंक प्राप्त किए तो वहीं साक्षात्कार में 80 फीसदी अंक प्राप्त किए तो वहीं आरएएस भर्ती 2018 में प्रतिभा के भाई गौरव के लिखित परीक्षा में 47.44 फीसदी अंक प्राप्त किए तो वहीं साक्षात्कार में 80 फीसदी अंक और बहन प्रभा के लिखित परीक्षा में 45.81 फीसदी अंक प्राप्त किए तो वहीं साक्षात्कार में 80 फीसदी अंक प्राप्त किए.
क्या कहना है शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का
इस पूरे मामले पर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि "आरएएस भर्ती परीक्षा राजस्थान की एक प्रतिष्ठित भर्ती परीक्षा है और आरपीएससी द्वारा इस परीक्षा को पारदर्शी तरीके से करवाया जाता है, जो बच्चे काबिल होते हैं वो ही इस परीक्षा में सफल होते हैं. प्री और मेन परीक्षा पास करने के बाद साक्षात्कार होता है, जिसमें बोर्ड के सदस्य और एक्सपर्ट होते हैं. इसमें किसी भी राजनेता का कोई लेना-देना नहीं होता है. इस पूरे मामले में ये विषय ही नहीं होना चाहिए कि किस के कितने नम्बर आए. साथ ही किसी को किसी का रिश्तेदार होने या जानकार होने से नम्बर नहीं मिलते हैं. ये केवल सोशल मीडिया पर चलाया गया एक प्रोपेगेंडा मात्र है."
दस्तावेजों की करवा सकते हैं जांच
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने अपने बेटे अविनाश और पुत्रवधु प्रतिभा के आरएएस में चयन होने पर कहा कि "मेरा बेटा अविनाश 2016 में पास हुआ था और जब अविनाश पास हुआ उस समय तक प्रतिभा के साथ उसका रिश्ता नहीं हुआ था,,जब मेरी पुत्रवधु पास हुई इस समय बीजेपी सरकार थी. ऐसे जो हनुमानगढ़ में पांच पहने पास हुई है तो क्या मैं उनका भी रिश्तेदार हूं. परीक्षा में असफल होने वाले ही अपनी खीच मिटाने के लिए ऐसा करते हैं. अगर परीक्षा में राजनीतिक का इतना ही हस्तक्षेप होता है. मैं मेरे विधानसभा क्षेत्र के सभी लोगों और परिवार के लोगों को आरएएस नहीं बना देता क्या. जो भी इस पर विवाद खड़ा करना चाहते हैं, वो दस्तावेजों की जांच करवा सकते हैं, इसके लिए वो स्वतंत्र हैं."