New year celebration in Rajasthan: नए साल का आगाज हो चुका है. 2022 को अलविदा कह चुके हैं और नए साल 2023 का वेलकम रविवार की शुरुआत देवदर्शन के साथ जयपुराइट्स नए साल की शुरुआत कर रहे हैं. मोतीडूंगरी गणेश मंदिर, आराध्य गोविंदेवजी मंदिर में नए साल को भीड़ को देखते हुए विशेष इंतजाम किए गए हैं.


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विभिन्न योगों का विशेष योग संयोग नए साल की शुरुआत को शुभता प्रदान करेगा. ज्योतिषविदों के मुताबिक शिव, रवियोग, आनंदयोग, सर्वार्थसिद्धि योग के साथ नए साल की शुरुआत रात 12 बजे अश्विनी नक्षत्र में होगी. ऐसे में शुभ योगों का प्रभाव सभी राशियों के जातकों पर अच्छा रहेगा.


 ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि सात साल बाद रविवार को ही नया साल शुरू होगा. और साल का अंत भी रविवार को ही होगा. शर्मा ने बताया कि अश्विनी नक्षत्र 27 नक्षत्रों में सबसे पहला नक्षत्र है. नक्षत्र का स्वामी अश्विनी कुमार है. जिससे आगामी साल विशेष प्रगति कारक, वैज्ञानिक और व्यापारिक क्षेत्र में विशेष प्रगतिदायी साबित होगा. न्याय के देवता शनि और आध्यात्मिक ग्रह बृहस्पति राशि स्वराशि में रहेंगे, जो आगामी दिनों की श्रेष्ठ दर्शा रहे हैं.


 इसके साथ ही उक्त् योग संयोगों में वाहन, प्रापर्टी, ज्वैलरी की खरीददारी करना चिर​स्थायी रहेगा. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि 2023 अधिकमास यानी पुरुषोत्तम मास वाला साल होगा. क्योंकि हिंदू नवसंवत्सर के हिसाब से आने वाला साल 13 महीने का होगा. 


जुलाई के बाद आने वाले सभी बड़े त्योहार 2022 की तुलना में 12 से 19 दिन की देरी से आएंगे. इसके साथ ही दिनभर खरीददारी के हिसाब से शुभ रहेगा. इस दिन रवि योग भी रहेगा.


शास्त्रानुसार सूर्य सम्मान, पिता और तरक्की आदि के कारक ग्रह हैं. इन शुभ योग में सूर्य देव को जल अर्पित करने और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से सालभर सम्मान , सभी राशि के जातकों को विशेष फलदायी और शुभ रहेगा.


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