Jaipur: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की भोपाल बेंच ने नाहरगढ़ वाइल्ड लाइफ सेंचुरी की वन भूमि पर पट्टा काटने के मामले में नाराजगी जताई है. एनजीटी ने वन विभाग की भूमि के खसरा नंबर बांटने और पट्टा जारी करने वाले अधिकारियों की जांच कर उसकी जानकारी एनजीटी में पेश करने को कहा है. वहीं अधिकरण ने पट्टा ट्रांसफर के संबंध में सभी जानकारी एक माह में पेश करने को कहा है. अधिकरण ने पीसीसीफ, स्थानीय कलेक्टर और जेडीए आयुक्त को कहा है कि वे एक साथ मिलकर अतिक्रमण के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करें. अधिकरण ने यह आदेश राजेन्द्र तिवारी के प्रार्थना पत्र पर दिए.


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सुनवाई के दौरान अधिकरण के आदेश की पालना में जेडीए आयुक्त और पीसीसीएफ वीसी के जरिए पेश हुए. जेडीसी ने माना कि नाहरगढ़ अभयारण्य की जमीन पर अतिक्रमण है और उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि नाहरगढ वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के खसरा नंबर 6445 पर स्थित पिलर नंबर 361 से 366 की भूमि पर बहुमंजिला होटल का निर्माण किया जा रहा है. वन विभाग ने भी 21 जुलाई 2021 को माना था कि वन भूमि पर अतिक्रमण कर निर्माण हो रहा है.


मामले की सुनवाई करते हुए न्यायिक सदस्य न्यायाधीश एसके सिंह और विशेषज्ञ सदस्य अरुण कुमार वर्मा की बेंच ने कहा कि भूमि से अतिक्रमण हटाने की नियमानुसार कार्रवाई के साथ बताया जाए कि आखिर कब किस अधिकारी के कार्यकाल में पूरी प्रक्रिया हुई है. इसी के साथ मामले में जवाब देने के लिए जेडीए सहित अन्य पक्षकारों ने एक माह का समय मांगा. इस पर अधिकरण ने जिम्मेदार अधिकारियों और पट्टा ट्रांसफर करने के संबंध में जानकारी मांगते हुए मामले की सुनवाई 21 अक्टूबर को तय की है.


Reporter- Mahesh Pareek


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