Jaipur : राजस्थान हाईकोर्ट ने मंडावर थाना पुलिस की ओर से नाबालिग की गुमशुदगी के मामले में दर्ज रिपोर्ट पर पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई नहीं करने और मामले में महज 13 दिन में एफआर पेश करने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने रेंज आईजी को 29 अगस्त को हाजिर होने के आदेश दिए हैं.


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अदालत ने अनुसंधान अधिकारी को भी केस डायरी सहित पेश होने को कहा है, वहीं अदालत ने पुलिस की ओर से पेश पीडिता को बालिका गृह भेज दिया है. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस समीर जैन ने की खंडपीठ ने यह आदेश पीडिता के पिता की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.


सुनवाई के दौरान मंडावर थानाधिकारी और मामले के अनुसंधान अधिकारी पेश हुए, उन्होंने बताया कि मामले में गत 4 अगस्त को एफआईआर दर्ज की गई थी. वहीं 17 अगस्त को एफआर भी पेश की जा चुकी है. थानाधिकारी ने माना कि पीडिता 17 साल से बडी है, लेकिन अभी वयस्क नहीं हुई है.


 इस पर अदालत ने कहा कि जब आईओ खुद ही मान रहे हैं कि पीडिता वयस्क नहीं है तो फिर पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की गई. इसके अलावा अदालत ने 8 अगस्त को पीडिता को पेश करने के आदेश दिए थे तो फिर एफआर पेश क्यों की गई.


 सुनवाई के दौरान लापता रही पीड़िता को अदालत में पेश किया गया. उसने कहा कि वो वयस्क है और शिवदयाल के साथ रह रही थी. इस पर अदालत ने स्कूल रिकॉर्ड के आधार पर पीड़िता को नाबालिग मानते हुए उसे बालिका गृह भेज दिया और आईजी और अनुसंधान अधिकारी को पेश होने को कहा है.


रिपोर्टर- महेश पारीक


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