Jaipur: 25 साल बाद गुलाबी नगरी जयपुर में उत्तर क्षेत्रीय परिषद की 30वीं बैठक हुई. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 8 राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल, उप राज्यपाल और राज्यों के मंत्रियों ने हिस्सा लिया. बैठक में गृहमंत्री के अलावा हरियाणा के सीएम मनोहरलाल, हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर, पंजाब के राज्यपाल, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अलावा अलग-अलग राज्यों के उपराज्यपाल, मंत्री भी शामिल रहे. बैठक में विभिन्न राज्यों के 14 एजेंडों पर चर्चा की गई. 


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जिसमें सभी राज्यों ने प्रजेंटेशन के माध्यम से अपनी बात रखी. हालांकि इसमें राजस्थान से संबंधित 7 बिंदुओं को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बैठक में उठाया. जिसमें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में डायरेक्टर बेनिफिट ट्रांसफर, पॉक्सो कोर्ट खोले जाने, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की त्वरीत जांच, साइबर अपराधों की रोकथाम समेत अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा की गई. सभी राज्य प्रमुखों ने बैठक में अपनी अपनी बात रखी जिसके बाद एंजेडेवार मुद्दों पर चर्चा की गई.


इस बैठक सीएम गहलोत ने पेयजल, सिंचाई, उद्योग के लिए जल संसाधन की कमी जिक्र करते हुए जल संबंधी मुद्दों के समाधान की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने की आवश्यकता जताई. इसके अलावा भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में पूर्णकालिक सदस्य का एक अतिरिक्त पद राजस्थान के लिए सृजित किए जाने की भी मांग रखी. हालांकि बैठक में इसको लेकर सहमति नहीं बन सकी.


महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराध और बलात्कार के मामलों की जांच में तेजी लाने और पुलिस थानों में स्वागत कक्ष स्थापित किए जाने के नवाचारों का भी जिक्र किया. सीएम गहलोत ने FIR की निर्बाध पंजीकरण की व्यवस्था का जिक्र करते हुए बताया कि इस व्यवस्था से अपराध पंजीकरण की संख्या तो बढ़ी है, लेकिन कोर्ट के माध्यम से 156 (3) के तहत दर्ज होने वाले मामलों की संख्या आधी रह गई है.


 इसके अलावा बलात्कार और पॉक्सो अधिनियम के मामलों के निस्तारण के लिए 60 विशेष न्यायालयों को क्रियाशील कर दिया है. सीएम ने भौगोलिक कारणों से बैंक शाखाओं से वंचित 2908 गांवों में बैंक शाखाएं या डाकघर के द्वारा बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करने के लिए वित्तिय सेवाएं विभाग व डाक विभाग को आवश्यक निर्देश जारी किये जाने की मांग की.


 सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर को लेकर सीएम ने बताया कि प्रदेश में जनआधार पोर्टल के माध्यम से एक जुलाई तक लगभग 116 करोड़ ट्रांजेक्शन के द्वारा लगभग 56 हजार करोड़ रुपए के प्रत्यक्ष लाभ और साल 2022 के प्रथम 5 माह में राशि लगभग 6 हजार करोड़ रुपए के प्रत्यक्ष नकद लाभ हस्तान्तरित किए जा चुके हैं. 


उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सामान्य क्षेत्रों में 250 और जनजातीय और मरुस्थलीय क्षेत्रों में 100 आबादी तक की बसावटों को PMGSY के तहत 2011 की जनगणना के आधार पर सड़कों से जोड़े जाने की मांग की है. इसके अलावा उन्होंने सिम कार्ड जारी करने और बैंक खाता खोलने में सत्यापन प्रक्रिया ऐसी हो कि इसके दुरुपयोग करने पर संबंधित की पहचान हो सके.


गहलोत ने रखे राज्य के कई महत्त्वपूर्ण मुद्दे


  •  जल जीवन मिशन के वित्त पोषण पैटर्न में बदलाव और संचालन से सम्बंधित अन्य मुद्दे

  •  राजस्थान में भौगोलिक चुनौतियों के कारण जल जीवन मिशन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए वित्त पोषण पैटर्न को 90:10 किया जाना चाहिए

  •  मिशन को पूरा करने की समय-सीमा को 31 मार्च, 2024 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2026 की जाये

  •  राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम अन्तर्गत पात्र लाभार्थियों की सीमा में वृद्धि

  •  वर्ष 2021 की अनुमानित जनसंख्या के आधार पर सीलिंग पुनः निर्धारित करे

  •  राज्य के लाभार्थियों की वितरण सीमा 4.46 करोड़ से बढ़ाकर 5.24 करोड़ की जानी चाहिए

  • जीएसटी मुआवजा अवधि का 5 वर्ष के लिए विस्तार व देय मुआवजे की राशि जारी करना

  • जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि जून 2022 से पांच वर्ष बढ़ाकर जून 2027 तक की जाये

  •  वर्ष 2017-18 से माह मई, 2022 तक राजस्थान को देय जीएसटी मुआवजे की लगभग 5 हजार करोड़ रु. की बकाया राशि भारत सरकार की ओर से एकमुश्त यथाशीघ्र जारी की जाये

  •  धोखाधड़ी में लिप्त मल्टीस्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाईटीज के विरुद्ध कार्रवाई

  •  निवेशकों के हित में BANNING OF UNREGULATED DEPOSIT SCHEMES ACT. 2019 (BUDS ACT. के प्रावधानों को और अधिक कठोर बनाया जावें

  •  राज्य सरकारों को इन सोसायटियों पर और अधिक नियंत्रण करने के लिए मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव सोसाईटीज एक्ट के तहत और अधिक शक्तियाँ दी जावें

  • राज्य की तर्ज पर केन्द्र भी मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटियों का पंजीयन निषेध किया जाए

  •  निवेशकों की परिवेदनाओं हेतु पोर्टल विकसित किये जाने के साथ साथ इन समितियों की जब्त परिसंपत्तियों की नीलामी कर निवेशकों को यथाशीघ्र भुगतान दिलाया जाए

  • पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाना

  •  पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना, 37.247 करोड़ रुपये की राज्य की एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना है

  •  परियोजना से राज्य के 13 जिलों झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर एवं धौलपुर लाभांवित होगें

  •  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जयपुर और अजमेर में 7 जुलाई, 2018 और 6 अक्टूबर, 2018 को आयोजित रैलियों में ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने पर सकारात्मक रुख रखने का वादा किया था

  •  राज्य सरकार की ओर से इस मुद्दे को केन्द्र के स्तर पर निरन्तर उठाया गया

  •  मेरा आग्रह है कि केन्द्र सरकार की ओर से पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को शीघ्रातिशीघ्र राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाए

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