Jaipur: राजस्थान की घुमंतु जातियों के लिए गहलोत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब प्रदेश में घुमंतु जातियों के लिए भी प्रमाण पत्र बन सकेंगे.  इससे पहले आज तक इन जातियों को अपनी पहचान नहीं थी, लेकिन अब इन जातियों का प्रमाण पत्र (caste certificate) बनने से पहले सरकारी योजनाओं में भी लाभ मिलने लगेगा.


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ओबीसी, अनुसूचित जातियों को पहले से मिल रहा था लाभ
राजस्थान में घुमंतु जातियों को अब अपनी पहचान मिल सकेगी. राज्य सरकार ने एक परिपत्र जारी 32 तरह की घुमंतु जातियों को राहत प्रदान की है. घुमंतु जाती के लोगों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा, यदि आवेदक पात्र होता है तो उसे 10 दिन में जाति प्रमाण पत्र मिल सकेगा. जो जातियां अनुसूचित जाति और ओबीसी वर्ग की सूची में शामिल है, उन्हें तो पहले ही जाति प्रमाण प्रत्र बनाया जाता था, लेकिन कुछ जातियां ऐसी भी है, जो ओबीसी और अनुसूचित वर्ग में शामिल नहीं है. यानि वे जातियां सामान्य वर्ग में है, इसलिए उनके लिए अब घुमंतु जातियों का प्रमाण पत्र बन सकेगा. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं.


इसलिए प्रमाण पत्र बनावाना जरूरी
इन 32 तरह की घुमंतु, अद्ध घुमंतु जातियों के प्रमाण पत्र बनाने की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि केंद्र और राज्य सरकार द्धारा इन जातियों के लिए बहुत सी योजनाएं संचालित है, लेकिन ये जातियां सामान्य वर्ग में होने से इन योजनाओं का लाभ नहीं ले पाती थी. इसलिए राज्य सरकार ने सामान्य वर्ग की इन घुमंतु जातियों को राहत दी है. ये जातियां ऑनलाइन आवेदन कर सकती है. जिसमें उनके दस्तावेज जांचे  जाएंगे. तकसीलदार राजस्व रिकार्ड जांचकर जाति का परीक्षण करेगा और 10 दिन के अंदर पात्र व्यक्ति को उसका जाति प्रमाण पत्र मिल पाएगा.


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विशेष परिस्थितियों में ऑफलाइन आवेदन कर सकेंगे
विशेष परिस्थितियों में जहां ऑनलाइन आवेदन हो सकते, वहां हार्ड कॉपी सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किए जा सकेंगे. जाहिर है सरकार के इस प्रयास से ना केवल इन जातियों को अपनी पहचान मिलेगी, बल्कि सरकारी योजनाओं का भी लाभ मिल पाएगा.