अब सालों तक एक ही कुर्सी पर जमे नहीं रह सकेंगे अधिकारी, DOIT कांड के बाद सरकार का बड़ा फैसला
Rajasthan News : डीओआईटी कांड के बाद सरकार का बड़ा निर्णय, वर्षों से एक सीट पर जमे कार्मिकों की अब हिलेगी कुर्सी, एक ही जगह सालों से जमें कार्मिकों की बदलेगी सीट, मुख्य सचिव उषा शर्मा ने जारी किया परिपत्र
Rajasthan News : डीओआईटी (DOIT) के बेसमेंट में जॉइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश यादव की अलमारी में करोडो रूपए और सोना मिलने के बाद राज्य सरकार ने बडा फैसला लिया हैं. राजस्थान में शासन सचिवालय समेत दूसरे विभागों, निकायों और अधीनस्थ ऑफिसों में काम करने वाले ऐसे कर्मचारी-अधिकारी जो 3 या उससे ज्यादा समय से टिके है उनको हटाया जाएगा. सरकारी काम में पारदर्शिता पर उठ रहे सवालों को देखते हुए मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने एक आदेश जारी करते हुए सभी एचओडी को इस तरह के कर्मचारियों की बदली (सीट बदलने) के आदेश दिए है. संभावना है कि ये आदेश पिछले दिनों डीओआईटी में हुए कांड को देखते हुए जारी किए है.
ना चल सकेगी मनमर्जी
सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के बेसमेंट में रखी आलमारी में करोडों रूपए और सोना मिलने के बाद सरकारी महकमों में एक परिपत्र ने हलचल मचा दी हैं. सालों से एक ही सीट और एक ही विभाग में जमे बैठे अधिकारी और कर्मचारियों को अब आराम की नौकरी करने को नहीं मिलेगी. ना ही मनमर्जी चला सकेंगे. तीन या उससे ज्यादा समय से टिके है कार्मिकों की सीट बदली जाएगी. उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में सरकारी दफ्तरों में ये बदलाव देखने को मिलेगा.
इस आदेश को पिछले दिनों डीओआईटी में हुए कांड से जोडकर देखा जा रहा हैं. मुख्य सचिव उषा शर्मा ने इस संदर्भ में अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रिंसिपल सेकेट्री और सचिवों, एचओडी को परिपत्र जारी किया हैं. .प्रशासनिक सुधार विभाग से जारी आदेशों के मुताबिक अक्सर ऐसा देखा गया है कि शासन सचिवालय और दूसरे विभागों में कई कर्मचारी और अधिकारी एक ही सीट या पद पर कई सालों तक काम करते हैं. इससे सरकारी कामों की पारदर्शिता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.
3 साल से ज्यादा वक्त तक नहीं रहेंगे किसी पद पर
इसके साथ ही उस विभाग में कार्यप्रणाली की निष्ठा और विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े होते है. इसलिए राजकीय कामों की पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए किसी भी विभाग या ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी-अधिकारी को एक सीट पर 3 साल से ज्यादा समय तक काम नहीं करने दिया जाए. यही नहीं विशेष परिस्थिति या आवश्यकता होने पर कर्मचारी को अधिकतम 5 साल तक ही एक सीट पर काम करवाया जा सकता है. इससे ज्यादा साल तक काम करने वाले कर्मचारी या अधिकारी को तुरंत प्रभाव से हटाया जाएगा.
गौरतलब रहे पिछले दिनों डीओआईटी ऑफिस के बेसमेंट में रखी एक अलमारी से लाखों रुपए कैश और गोल्ड की ईंट मिली थी. उस मामले में एसीबी ने डीओआईटी के संयुक्त निदेशक वेदप्रकाश यादव को पकड़ा था. यादव पिछले 15 साल से इसी पद पर रहते हुए निविदाओं और विभाग में जरूरी सामानों की खरीद-फरोख्त में अहम भूमिका निभाता था.
ई-फाइल मॉड्यूल
उधर मुख्य सचिव अपने आदेशों में सचिवालय समेत दूसरे विभागों की समस्त फाइलों को ई-फाइल मॉड्यूल में संधारित करने के भी आदेश दिए है. इसकी बकायदा 15 दिन में रिव्यू करके उसकी रिपोर्ट भी तैयार करने के लिए कहा है. साथ ही जिन फाइलों का रिकॉर्ड डिजिटल नहीं हुआ उनका अलमारियों में अच्छे से संधारित करने के भी लिए भी कहा है. गौरतलब हैं की उच्च स्तर पर बैठे अफसरों का भी मानना हैं की सरकारी ऑफिस में सालों से एक ही कर्मचारी महत्वपूर्ण मानी जाने वाली सीटों पर जमे हुए हैं. इससे कामकाज भी पुराने ढर्रे पर ही होता चला आ रहा है. दूसरे लंबे समय से एक ही सीट पर काम करने वाले कर्मचारी कम्फर्ट जोन से भी बाहर नहीं आना चाहते. विभाग के दफ्तरों में सालों से एक ही सीट पर काम कर रहे कार्मिकों के कारण कार्य प्रक्रिया में एक-सी ही त्रुटि सालों-साल से दोहराई जाती रहती है. जिससे कर्मचारियों के सेवा रिकॉर्ड संधारण, प्रशासनिक कार्य प्रक्रिया, संस्थापन, पदोन्नति, वरिष्ठता व योग्यता अभिवृद्धि आदि के कामकाज में किसी तरह का नवाचार नहीं हो पाता. उधर यूथ कर्मचारियों को समय रहते महत्वपूर्ण कामकाज नहीं सौंपे जाने से उन्हें भी प्रशासनिक कार्य प्रक्रिया में पारंगत होने में विलंब होता है.
बहरहाल, बरसों से एक ही सीट पर अंगद की तरह पैर जमाए बैठे कार्मिकों की सर्जरी के बाद ही कामकाज में कसावट आएगी. ..सरकारी विभागों में ट्रांसफर और प्रमोशन एक सतत प्रक्रिया है. इसके लिए समय-समय पर प्रशासन से लेकर राज्य सरकार के स्तर पर आदेश जारी होते रहते हैं. इसके बावजूद कोई ऐसे अधिकारी कर्मचारी रहते हैं, जो अपने जुगाड़, रसूख के दम पर पूरे नौकरी काल में एक ही स्थान पर जमे रहते हैं. कार्मिकों के एक ही जगह जमा रहने के कारण विभागीय कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं. हैरत वाली बात तो यह है कि कई ऐसे अधिकारी कर्मचारी ऐसे हैं जो 10 वर्षों से एक ही टेबल पर जमे हैं.
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