जयपुर: अवैध रिफलिंग और उससे होने वाली घटनाओं को रोकने और कॉमर्शियल सिलेंडर की खपत बढ़ाने के लिए तेल कंपनियों ने बड़ा बदलाव किया हैं. अब एक गैस कनेक्शन पर एक साल में 15 से अधिक एलपीजी सिलेंडर नहीं मिलेंगे. देश की तीनों प्रमुख एलपीजी कंपनियों इंडियन ऑयल, बीपीसीएल और एचपीसीएल ने सॉफ्टवेयर में बदलाव कर दिया गया है.


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यह कदम उन शिकायतों के मद्देनजर उठाया गया है, जिनमें यह कहा गया कि घरेलू गैर सब्सिडी की रीफिल कॉमर्शियल से सस्ती होने के कारण वहां उपयोग होने लगी थी. तेल कंपनियों और एलपीजी वितरकों की माने तो कंपनियों ने अब घरेलू उपयोग के सिलेंडर की राशनिंग करते हुए इसकी बिक्री को कंट्रोल किया है.


अभी तक 15 से ज्यादा सिलेंडर लेने का भी था प्रावधान


कंपनियों ने हर परिवार को साल में केवल 15 घरेलू गैस सिलेंडर ही देने का निर्णय किया हैं. अगर इससे ज्यादा सिलेण्डर किसी परिवार को जरूरत है तो उसे पहले अपनी एजेंसी को लिखित में देना होगा, ताकि एजेंसी वितरण कंपनी को बता सके. तेल कंपनियों के अधिकारियों की माने तो सब्सिडी का पैसा 12 सिलेंडर तक दिया जाता हैं. चूंकि अब सब्सिडी का पैसा मिल नहीं रहा तो नॉन सब्सिडी दर पर ही सभी एलपीजी उपभोक्ताओं को सिलेंडर मिलते हैं. अभी तक कोई भी परिवार कितने भी सिलेण्डर ले सकता था. इस छूट के बाद से कॉमर्शियल सेक्टर में इन घरेलू रसोई गैस का उपयोग बढ़ने लगा था.


घरेलू गैस सिलेंडर को कॉमर्शियल इस्तेमाल करने पर कंपनी ने उठाया फायदा


लोग अवैध तरीके से कॉमर्शियल सिलेण्डर व गाड़ियों में अवैध रिफलिंग का कारोबार करने लगे थे.जिससे कॉमर्शियल सिलेंडर की खपत पर भी बड़ा असर पड रहा था. संख्या तय करने की मुख्य वजह घरेलू गैस सिलेंडर का कॉमर्शियल उपयोग अधिक होने की लगातार शिकायतों का मिलना है. घरेलू गैस की तुलना में कमर्शियल सिलेंडर की कीमत लगभग दोगुनी है. सिलेंडर की संख्या फिक्स होने से होटल, रेस्त्रां सहित अन्य व्यावसायिक उपयोग में घरेलू गैस का इस्तेमाल कम हो सकेगा. सिलेंडर की संख्या फिक्स होने से होटल, रेस्त्रां सहित अन्य व्यावसायिक उपयोग में घरेलू गैस का इस्तेमाल कम हो सकेगा.


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जोधपुर हादसे के बाद कंपनियां हुईं और सतर्क


राजस्थान एलपीजी वितरक फैडरेशन के अध्यक्ष दीपक गहलोत की माने तो अवैध रिफलिंग से कॉमर्शियल गैस की बिक्री में लगातार गिरावट हो रही हैं और खतरा भी बना रहता हैं.हाल ही में कुछ पैसा कमाने की लालच में जोधपुर के कीर्ति नगर इलाके घरेलू रसोई गैस सिलेण्डर से अवैध रिफलिंग के दौरान हादसा हो गया था. जिसमें 10 सिलेंडरों में रिसाव के बाद फट गए थे. इस घटना में 3 बच्चों समेत 4 जनों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद अब पुलिस ने अवैध रिफलिंग करने वालों पर शिकंजा कसा तो हडकंप मचा हुआ है. ऑटो चालकों को अब सस्ते में गैस नहीं मिल रही तो एलपीजी पंपों पर पहुंच रहे हैं.अकेले जोधपुर में एलपीजी पंपों पर एलपीजी की खपत दोगुनी हो गई हैं.


अवैध रिफलिंग रोकने के लिए कंपनियों ने उठाया कदम


अवैध रिफलिंग के कारण गैस एजेंसियों की कॉमर्शियल गैस सिलेण्डर की बिक्री बहुत कम हो गई हैं. इसे भी देखते हुए कंपनियों ने यह निर्णय लिया है. क्योंकि कंपनियों को कॉमर्शियल गैस सिलेण्डर की बिक्री से ज्यादा मुनाफा होता है. गहलोत ने बताया की सर्दियों में गैस सिलेंडर की परेशानी बढ़ सकती हैं. घरेलू एलपीजी सिलेंडर पर ऑयल मार्केटिंग कंपनियों द्वारा लगाई गई बंदिशों की शिकायतें सामने आने लगी हैं. इस निर्णय से संयुक्त परिवारों सहित उन लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही है. जहां महीने में 4 से 5 सिलेंडर लग जाते हैं.ऐसे परिवार के लोगों को संबंधित एजेंसियों को तय फार्मेट में लिखकर देना होगा.उसके बाद एजेंसी तेल कंपनियों को भेजेगी.एप्रुवल मिलने के बाद वो ज्यादा सिलेंडर ले सकेगा.


प्रदेशभर में तीनों कंपनियों के गैस एजेंसियों की संख्या-1390


IOCL-BPCL-HPCL के उपभोक्ताओं की संख्या-1.75 करोड


तीनों तेल कंपनियों के घरेलू सिलेंडर की सालाना खपत- 9.8 करोड़ घरेलू गैस रिफिल


तीनों तेल कंपनियों के कॉमर्शियल सिलेंडर की सालाना खपत-45 लाख के करीब

इस तरह घरेलू से कॉमर्शियल सिलेंडर में रिफलिंग कर कमाते हैं मुनाफा


जयपुर में अभी 19KG का कॉमर्शियल सिलेण्डर 1878 रुपए दर


कॉमर्शियल सिलेंडर में एक किलोग्राम गैस करीब 99 रुपए में पड़ती


घरेलू उपयोग का 14.2KG का सिलेण्डर 1057 रुपए में मिलता


घरेलू सिलेंडर में एक किलोग्राम गैस करीब 75 रुपए में पड़ती हैं


इस तरह कॉमर्शियल और घरेलू गैस में 24 रुपए किलोग्राम का अंतर


इस अंतर के चलते कालाबाजारी करने वाले लोग करते हैं अवैध रिफलिंग


4 घरेलु सिलेण्डर से 3 कॉमर्शियल गैस सिलेण्डर अवैध तरीके से रिफिल करते


चार सिलेंडर से रिफलिंग कर 1406 रुपए का कमाते हैं मुनाफा


कंपनियों के नए नियम से संयुक्त परिवार में आ सकती है दिक्कत

बहरहाल, सालभर में 15 घरेलू सिलेंडर का कोटा तय करने से एलपीजी वितरकों के साथ तेल कंपनियों को फायदा होगा, लेकिन कैपिंग के नए नियमों के बाद संयुक्त परिवारों को थोड़ी दिक्कतें झेलनी पड सकती हैं.सबसे ज्यादा दिक्कतें तो सर्दियों मे आएगी..डीलर्स भी मानते हैं की कोटा निर्धारित नहीं होने से एलपीजी उपभोक्ता कितने भी सिलेंडर ले रहा था और ये सिलेंडर कॉमर्शियल यूज में ज्यादा आते थे.