राजस्थान कांग्रेस में खुलेआम बगावत, आलाकमान को अनसुना कर, मंत्री शांति धारीवाल के घर पर विधायकों की बैठक
Rajasthan Political Crisis : इस्तीफे की पेशकश पर माकन ने कहा की ये स्पष्ट नहीं है कि कितने विधायकों ने इस्तीफा दिया है, दिया भी है या नहीं दिया है ? लेकिन इस इस्तीफा प्रकरण को पार्टी अनुशासन हीनता मान रही है.
Rajasthan Political Crisis : राजस्थान में कांग्रेस के घटनाक्रम पर अजय माकन का बड़ा बयान सामने आया है. माकन ने कहा की केंद्रीय नेतृत्व ने विधायक दल की बैठक के निर्देश दिए थे. सीएम अशोक गहलोत की सहमति के बाद ही विधायक दल की बैठक बुलाई गई लेकिन, कोई भी विधायक बैठक में शामिल होने नहीं पहुंचा.
अधिकांश विधायकों ने आलाकमान के आदेश की अवहेलना की है. विधायक दल के एक-एक सदस्य से केंद्रीय ऑब्जर्वर्स को वार्ता करनी थी, लेकिन विधायक ग्रुप के रूप में वार्ता करना चाहते हैं. विधायकों ने पार्टी के आदेश की पालना नहीं की है. वहीं, मंत्री शांति धारीवाल के निवास पर कांग्रेसी विधायकों की एकजुटता पर माकन ने कहा कि पार्टी के नियम विरुद्ध विधायक दल धारीवाल के घर पर जमा हुए.
आपको बता दें कि धारीवाल, महेश जोशी और प्रताप सिंह ने कांग्रेस ऑब्जर्वर के समक्ष तीन शर्तें रखी थी. एक लाइन के प्रस्ताव में तीन शर्तें जोड़ी जाएं. 19 अक्टूबर से पहले किसी भी तरह की बैठक नहीं होगी. उसके बाद वन टू वन नहीं सामूहिक तौर पर फीडबैक लिया जाए. तीसरी शर्त CM उन्हीं 102 विधायकों में से चुना जाए, जो सरकार बचाने में साथ रहे. वहीं, माकन और खड़गे ने इन शर्तों को नामंजूर किया है. अब पूरी रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंपी जाएगी.
विधायकों के बैठक में नहीं पहुंचने पर अजय माकन ने कहा कि विधायक दल की बैठक के समानांतर दूसरी बैठक बुलाना प्राथमिक तौर पर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए संदेश के सवाल पर कहा कि अशोक गहलोत के लिए कोई संदेश नहीं है. हम ये शर्त कैसे मंजूर करें कि 19 अक्टूबर के बाद वो राजस्थान के मुख्यमंत्री पद पर फैसला करें. यानी आज अशोक गहलोत जो प्रस्ताव पारित करवा रहे हैं, अध्यक्ष बनने के बाद उसी प्रस्ताव पर बतौर अध्यक्ष गहलोत निर्णय करें, ये तो संभव नहीं है. अब ऑब्ज़र्वर के तौर पर जयपुर आए अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे दिल्ली वापस जा रहे हैं.
कितने विधायकों ने इस्तीफा दिया है पता नहीं, दिया भी है या नहीं दिया है ? - अजय माकन
दोनों ऑब्ज़र्वर ने जयपुर में 50 से ज्यादा विधायकों से फोन पर बात की और मन थी थाह लेने की कोशिश की. विधायकों से हुई बातचीत का ब्यौरा अब सोनिया गांधी को सौंपा जाएगा. वहीं इस्तीफे की पेशकश पर माकन ने कहा की ये स्पष्ट नहीं है कि कितने विधायकों ने इस्तीफा दिया है, दिया भी है या नहीं दिया है ? लेकिन इस इस्तीफा प्रकरण को पार्टी अनुशासन हीनता मान रही है.
सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम में कई नेताओं पर गाज गिर सकती है. कई नेताओं पर अनुशासनहीनता का डंडा चल सकता है. जयपुर में अजय माकन ने भी समानांतर बैठक को अनुशासनहीनता माना है. बैठक को लीड करने वाले 3 बड़े नेताओं के खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्यवाही हो सकती है.
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