Kotputli: ज्ञापन में बताया कि शहर के मुख्य चौराहा से डाबला रोड़ ग्राम नारेहड़ा तक सघन आबादी क्षेत्र है. डाबला रोड़ पर दोनों तरफ हजारों व्यवसायिक प्रतिष्ठान हैं, ग्राम नारेहड़ा में भी मार्केट बड़ा होने के कारण काफी भीड़ रहती है. डाबला रोड पर राजकीय पाना देवी कन्या कॉलेज समेत कई निजी और सरकारी शिक्षण संस्थान हैं. जिससे  रोड पर काफी भीड़ रहती है. ये रोड ग्रामीण क्षेत्र को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है. यह मार्ग पर ओवर लोडेड वाहनों का आवागमन रहने से आये दिन दुर्घटनायें होती रहती है. विगत दिन डाबला रोड पर एक भारी वाहन ने 6 वर्ष की बच्ची को कूचल दिया था. जिससे गुस्साई भीड़ ने ट्रक में आग लगा दी.


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 प्रशासन और पुलिस की मुस्तैदी से बड़ा हादसा होने से टल गया. समय रहते आग पर काबु पा लिया गया. वर्ष 2017 में धरना प्रदर्शन के बाद डाबला रोड पर नो एंट्री लागू की गई थी. वहीं, कृपा का तिबारा और चौलाई मोड़ पर नो एंट्री के बोर्ड भी लगाये गये थे.  कुछ समय तक तो नो एंट्री की पालना की गई है. बाद में पहले जैसी ही स्थिति हो गई. 


उक्त जगहों पर वर्तमान में नो एंट्री के बोर्ड भी नहीं है. डाबला रोड पर प्रात: 8 बजे से रात 8 बजे तक भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी जाये तो दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है. नो एंट्री होने से बहुत से दुर्घनाओं में कमी हुई थी. लेकिन जब से नो एंट्री बंद हुई तब से फिर से दुर्घटनाएं बढ़ने लगी है. इस दौरान एड. प्रभा अग्रवाल, दलीप सिंह पहलवान, करण सिंह गोपालपुरा, रणजीत बडगुजर, रामकुमार मीणा, रामेश्वर वर्मा, गाडाराम समेत अन्य मौजूद रहे.


Reporter- Amit Yadav


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