Jaipur: अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-4 महानगर प्रथम ने निचली अदालत के गत दो मई के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसके तहत मानसरोवर थानाधिकारी व एक अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर अनुसंधान नतीजा रिपोर्ट अदालत में पेश करने के आदेश दिए गए थे. अदालत ने यह आदेश थानाधिकारी दिलीप कुमार सोनी व एक अन्य मुकेश कुमार की रिवीजन याचिका को मंजूर करते हुए दिए. अदालत ने कहा कि ट्रायल कोर्ट चाहे तो परिवादी के आग्रह पर उसके परिवाद में सीआरपीसी की धारा 200 व 202 के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही जारी रख सकता है.


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 रिवीजन याचिका में कहा गया कि शिकायतकर्ता की ओर से बताई गई घटना को लेकर पूर्व में भी एफआईआर दर्ज हुई थी और उसमें अनुसंधान जारी है. एक घटना की एक ही एफआईआर दर्ज हो सकती है और इससे ज्यादा एफआईआर होने पर यह न्याय प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा. वहीं सीआरपीसी की धारा 156(3) की शक्तियों का उपयोग किसी के उत्पीडन के लिए नहीं किया जा सकता, लेकिन निचली कोर्ट ने इसका मनमाने तरीके से उपयोग से उपयोग किया है. 


इसलिए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश रद्द किया जाए. गौरतलब है कि परिवादी कुश जांगिड़ ने निचली अदालत में परिवाद दायर कर थानाधिकारी सहित अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी व फर्जी दस्तावेज के मामले में एफआईआर दर्ज करने का आग्रह किया था.


Reporter- Mahesh Pareek


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