Jaipur: 8 साल पहले शुरू की गई हेल्पलाइन से लोग हैप्पी नजर आ रहे हैं. ये हम नहीं, राजस्थान संपर्क पोर्टल पर शिकायतों के निस्तारण के आंकड़े बता रहे हैं. गहलोत सरकार के 4 साल में संपर्क पोर्टल पर 72 लाख से ज्यादा शिकायतें दर्ज हुईं, लेकिन इसी रफ्तार से इनका निस्तारण भी हुआ जो कि गुड गवर्नेंस की सुखद तस्वीर हैं.


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फोन की बजती घंटियां 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने वाले कार्मिक और शिकायत दर्ज करने के साथ ही उसके निस्तारण तक पहुंचाना ये काम हैं सीएम हैल्पलाइन 181 का.


8 साल में लाखों शिकायतें अलग-अलग महकमों की दर्ज हुई. लेकिन सुखद बात यह है कि उनका निस्तारण भी उसी गति से होता गया. समस्याओं का निस्तारण करने में राजस्थान सम्पर्क पोर्टल इस दिशा में एक बड़ा प्लेटफार्म हैं. गहलोत सरकार के इस वर्तमान कार्यकाल में सम्पर्क पोर्टल पर 72 लाख से अधिक परिवाद दर्ज हुए , जिनमें से 71 लाख से ज्यादा शिकायतों का निस्तारण हुआ. जो कि 98 फीसदी है.


सीएम हैल्पलाइन के माध्यम से शिकायतों के निस्तारण को लेकर मंत्री सुभाष गर्ग ने कहा कि राज्य सरकार संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन के अपने मूल मंत्र को पूरी प्रतिबद्धता से साकार रूप दे रही है. आने वाले दिनों में सरकार अधिकारियों की जवाबदेही भी सुनिश्चित करने जा रही है. इसके लिए सरकार ने ड्राफ्ट जारी कर आमजन से सुझाव मांग लिए हैं. इसके बाद सरकार काम की समयबद्धता भी निश्चित करेगी जो आम लोगों के लिए ऐतिहासिक कदम होगा.


राजस्थान संपर्क पोर्टल


  •  सचिवालय में राजस्थान संपर्क पोर्टल का कॉल सेंटर है.

  • कोई भी व्यक्ति घर बैठे फोन के माध्यम से 181 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करवा सकता है.

  •  सम्पर्क पोर्टल पर लेवल वन में ब्लॉक स्तर पर, लेवल टू में जिला स्तर पर और लेवल थ्री में विभाग स्तर पर शिकायतों का निस्तारण किया जाता है.

  • आम नागरिक भ्रष्टाचार तथा अनियमितता से जुड़े प्रकरण, जन-आधार, जन्म, मृत्यु, विवाह पंजीकरण, राशन, पी.पी.ओ., नरेगा से जुड़े मामलों की कर सकते हैं शिकायत.

  • ऑनलाइन शिकायत रजिस्ट्रड होने के बाद उसके निस्तारण के लिए सरकारी सिस्टम काम करता है.

  •  सीएम हैल्पलाइन पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण के लिए लगातार मॉनिटरिंग

  •  निस्तारण में लापरवाही पर कई अधिकारियों पर गिर चुकी गाज.

  • संपर्क पोर्टल पर अब तक दर्ज हुई सभी शिकायतों का रिकॉर्ड उपलब्ध.



सम्पर्क पोर्टल पर अभी करीब 1.91 लाख शिकायतें लंबित हैं, जिनमें से करीब एक लाख 11 हजार शिकायतें ऐसी हैं, जिनको दर्ज हुए 30 दिन से भी कम का समय हुआ है. इसके साथ ही कई शिकायतें ऐसी है जो बार बार दर्ज करवाई जा रही है. जिनको कानूनी या नियमों के अभाव में तत्काल निस्तारण किया जाना संभव नहीं हैं.