Agriculture News: राजस्थान में पर्याप्त मात्रा में बरसात होने के कारण किसानों को बाजरे की बाजरे की फसल में अधिक पैदावार होने की की उम्मीद थी, लेकीन पकने से पहले ही बाजरा में सफेद लट और हरी लट का प्रकोप आ गया है.  जिसकी वजह से बाजरे में बना दाना हरी लट खा रही है, जो की सफेद लट जड़ से पौधा को नष्ट बरबाद कर रही है. इससे किसनो का चिंता बड़ चुकी है. किसन अब पके फसल में दवा का छिड़काव करने से भी डर रहे है. बहुत से जगहों पर बाजरे की फसल में  50 प्रतिशत तक नुकसान हो चुका है. 


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पिछले 2 साल से बाजरे की फसल में लगातार कीट हरी लट से नुकसान हो रहा है. खेतो के तो हालात इस से भी बुरा हाल है कि अब सिट्टो में गिनती के दाने बचे हुए है. बाकी के दानों में लट कर चुके है.  सफेद लट फसल को जड़ से चट कर रही है. वहीं इस बार तो मौसम  में लगातार नमी रहने से बाजरे की सिट्टों में हरी लट का प्रकोप हो चुका है. पश्चिमी से पूर्व की ओर चलने वाले कीट, पतंग तितली  भी इसकी कारण हो सकते है. जब बाजरे के सिट्टे बनने लगते है, उस समय  तितली ने अंडे दे दिए हो और जब सिट्टे में दाने आए तो लार्वा लट बन गई हो जिससे फसल को नुकसान पुहंच गया. 


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फसल को कैसे बचाए


हरी लट से  बचने के लिए क्वानल्फोस उन डस्ट का 20 से 25 किलो प्रति हैक्टेयर पर छिड़काव करें या एमीबैक्टिनवेनजोएट का 20 से 25 मिली टंकी स्प्रे करें. जिससे सफेद लट कम करने के लिए 4 लीटर प्रति हेक्टेयर क्लोरोपायरिफॉस 20 ईसी सिंचाई के पानी में उपयोग करें.