राजस्थान में पैरा खिलाड़ियों की पीड़ा, सरकार ने नौकरी तो दे दी, लेकिन अब खेलना मुश्किल
सचिवालय में 17 पैरा खिलाड़ियों को लिपिक पद पर नियुक्ति दी गई.
Jaipur: गहलोत सरकार (Gehlot Government) ने खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने, खेल प्रतिभाओं में वृद्धि करने को लेकर राज्य सेवा में आउट ऑफ टर्न नौकरी तो दी, लेकिन अब विभागों में खेल के लिए अलग से समय निर्धारित नहीं होने से खेल कोटे से भर्ती हुए खिलाड़ियों (Para Players) के सामने खेल बचाने का संकट खड़ा हो गया है.
सचिवालय में 17 पैरा खिलाड़ियों को लिपिक पद पर नियुक्ति दी गई
खेल के लिए उचित दिशा निर्देश नहीं होने से खिलाड़ियों को खेल के लिए समय नहीं दिया जा रहा
कार्यालय समय सुबह 9.30 बजे से शाम 6 बजे तक इसके बाद गेम के लिए समय निकालना दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए मुश्किल.
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खेल के लिए समय दिए जाने की मांग को लेकर इन पैरा खिलाड़यों ने मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया है. खिलाड़ियों (Rajasthan Paralympic Players) की मांगों पर गंभीरता से विचार करते हुए सीएस ने इसें पिंक लेटर पर डीओपी प्रमुख सचिव को दिशा निर्देशों के लिए लिखा है. इसके साथ ही वापस जवाब भी मांगा है. खिलाड़ियों का कहना है कि सुबह 9.30 बजे तक ऑफिस पहुंचना पड़ता. शाम को 6 बजे बाद फ्री हो पाते हैं. ऐसे में हमारे को खेलने के लिए समय नहीं मिल पा रहा है. नियुक्ति के लिए जो गाइडलाइन जारी हुई थी. उसमें 5 साल के लिए खेल के लिए छूट देने की बात कही थी, लेकिन अब समय नहीं दिया जा रहा. इसके लिए हमने सीएस को ज्ञापन दिया है. हमारी अटेंडेंस ग्राउंड से ही आए, जिससे हम खेलों में अच्छी परफोर्मेंस कर सकें. सचिवालय सहायक अनुभाग अधिकारी उपेंद्र सिंह ने कहा कि पुलिस, रेलवे में इस तरह की सुविधा खिलाड़ियों की अटेंडेंस ग्राउंड से ही जाती है. ऐसी व्यवस्था इनको मिले तो खेल में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं.
राजस्थान (Rajathan News) के खिलाड़ियों ने हाल ही टोक्यों में आयोजित ओलंपिक और पैरालंपिक में उत्कृष्ठ प्रदर्शन किया है. गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मैडल जीतकर उन्होंने प्रदेश का नाम रोशन किया है. ऐसे में क्या सरकार इन खिलाड़ियों को नौकरी के साथ खेलों के लिए पर्याप्त समय दे पाएगी.