पंचायतीराज मंत्री कृपया ध्यान दें, 1 माह में मनरेगा से छिन गया 11 लाख श्रमिकों का रोजगार
राजस्थान के मनरेगा में पीक टाइम पर महज 1 महीने के भीतर ही 11 लाख से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार छिन गया है. मई और जून के महीने में गांवों के मजदूर मनरेगा पर निर्भर रहते हैं, लेकिन ऐसे वक्त में 11 लाख से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार नहीं मिल पाया है.
Jaipur: राजस्थान के मनरेगा में पीक टाइम पर महज 1 महीने के भीतर ही 11 लाख से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार छिन गया है. मई और जून के महीने में गांवों के मजदूर मनरेगा पर निर्भर रहते हैं, लेकिन ऐसे वक्त में 11 लाख से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार नहीं मिल पाया है.
यह भी पढ़ें-पंजाबी इंडस्ट्री का काला सच, मूसेवाला से 34 साल पहले इस स्टार सिंगर का गर्भवती पत्नी समेत हुआ था कत्लेआम
100 दिन के रोजगार छिनने की सबसे बड़ी वजह मनरेगा संविदाकर्मियों की हड़ताल माना जा रहा है, लेकिन पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा कहते हैं कि इनकी हड़ताल का कोई असर ही नहीं हुआ. मंत्री जी मीडिया हर जिले की रिपोर्ट आपको बता रहा है कि हड़ताल के कारण 11 लाख श्रमिकों को रोजगार छिन गया है.
100 दिन के रोजगार की गारंटी नहीं मिली
100 दिन के रोजगार की गारंटी देने वाली मनरेगा योजना में मई के शुरुआत में 26 लाख 57 हजार से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार मिल रहा था, जिसके बाद मई के आखिरी में यह आकंड़ा घटकर 23 लाख 6 हजार पहुंच गया, लेकिन आज की तारीख में ये आकंडा 15 लाख 86 हजार 730 तक पहुंच गया है. महज एक महीने के भीतर 15 लाख से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार छिन गया है. विभाग के मंत्री रमेश मीणा से जब हमने श्रमिकों के रोजगार छिनने का सवाल पूछा तो उनका कहना था कि रोजगार पर कोई संकट नहीं है. सभी को रोजगार मिल रहा है, लेकिन मंत्री आप कृपया आकंड़ों पर गौर करें. इन पर ध्यान दें क्योंकि राजस्थान में 100 दिन के रोजगार पर इतनी जल्दी गिरावट दर्ज हुई है, जो रोजगार पर बड़ा संकट है.
इस वक्त पीक टाइम क्यों
मई और जून में पीक टाइम रहता है.क्योकि इस वक्त ग्रामीणों के पास खेती का काम नहीं होता.मानसून से पहले तालाबों की नाडियां,खेतों की मेड और सार्वजनिक काम किए जाते है.1 जून 2021 को राजस्थान के मनरेगा में 24 लाख 38 हजार 890 श्रमिको को रोजगार मिल रहा था.मनरेगा संविदाकर्मी नियमित करने की मांग को लेकर करीब 1 महीने से हडताल पर चल रहे है.
3419 पंचायतों में रोजगार छिना
राजस्थान में 11340 पंचायते है,लेकिन इसमें से सिर्फ 7921 पंचायते मे ही काम चल रहा है,बाकी 3419 पंचायतों में श्रमिकों कोई 100 दिन का रोजगार नहीं मिल रहा है.श्रीगंगानगर की 345 पंचायतों में से सिर्फ 167,जयपुर की 602 में से 323,प्रतापगढ में 235 पंचायतो में से सिर्फ 170,पाली की 341 में से 286 पंचायतों में ही रोजगार मिल पाया.हालांकि मंत्री रमेश मीणा के गृह जिले मे स्थिति अच्छी है.मंत्री के गृह जिले मे 243 मे से 210 पंचायतो में रोजगार मिल रहा है.