शहरी निकायों में दिव्यांग जनों की भागीदारी तय, देश में Rajasthan बना पहला ऐसा राज्य
राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार (Rajasthan Government) ने दिव्यांग जनों के लिए बड़ा कदम उठाया है.
Jaipur : राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार (Rajasthan Government) ने दिव्यांग जनों के लिए बड़ा कदम उठाया है. प्रदेश में शहरी निकायों में अब दिव्यांगजन सदस्य भी मनोनीत किए जाएंगे. राज्य सरकार ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया है. यानी सीधे तौर पर नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका में 1-1 दिव्यांगजन पार्षद सरकार द्वारा मनोनीत किया जाएगा.
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देश में राजस्थान पहला ऐसा राज्य
देश में राजस्थान पहला ऐसा राज्य है, जहां दिव्यांगों की शहरी निकायों (Urban Bodies) में भागीदारी हो सकेगी. सत्ता और राजनीति में दिव्यांग जनों को समान अवसर मिल सकेगा. दिव्यांगजन अधिकार महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हेमंत भाई गोयल ने इस संबंध में लगातार सरकार से मांग की थी और उन्होंने विशेष योग्यजन न्यायालय में भी परिवाद दायर किया था, जिसके बाद में राजस्थान सरकार ने यह फैसला लिया था कि दिव्यांगजनों को भी शहरी निकायों में भागीदारी मिल सकेगी. अब नोटिफिकेशन जारी होने के बाद में राजस्थान में दिव्यांगजन सदस्य मनोनीत हो सकेंगे.
10 सालों से चल रही थी मांग
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने दिव्यांगजन अधिकार महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हेमंत भाई गोयल की मांग पर यह फैसला लिया है. हेमंत भाई लगातार 10 सालों से इस मुद्दे को उठाते रहे हैं और दिव्यांगजनों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए लगातार कोशिश में जुटे हुए थे. जिसके बाद में गहलोत सरकार ने अब दिव्यांग जनों को बड़ी राहत दी है और दिव्यांगों की भागीदारी भी तय कर दी है. सरकार के इस निर्णय के बाद में गोयल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त किया है.
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