Penalty On Yes Bank: जिला उपभोक्ता आयोग क्रम-तृतीय ने बैंक की लापरवाही के चलते उपभोक्ता का चेक गुम होने को सेवा दोष करार देते हुए यस बैंक (Yes Bank) पर 55 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है. आयोग के अध्यक्ष देवेन्द्र मोहन माथुर व सदस्य सीमा शर्मा ने यह आदेश गोविन्द सोनी के परिवाद पर दिए.


यस बैंक पर 55 हजार रुपए का हर्जाना


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परिवाद में बताया गया कि उसका विपक्षी बैंक में एक बचत खाता था. उसने दीपक सोनी द्वारा 13 सितंबर 2018 को उसके नाम से जारी 68 हजार रुपए का चेक भुगतान लेने के लिए अपने बैंक में पेश किया, लेकिन चेक राशि उसके खाते में जमा नहीं हुई. बैंक से पूछने पर भी सही जवाब नहीं दिया और वे टालते रहे.


बैंक की लापरवाही के चलते उपभोक्ता का चेक गुम


परिवादी ने 16 अक्टूबर 2018 को लिखित में बैंक में शिकायत की. जिसके जवाब में बैंक की ओर से उसे विवादित चेक की फोटो कॉपी और चेक जारीकर्ता के बैंक खाते में पर्याप्त राशि नहीं होने पर चेक रिटर्न के रिमार्क की कॉपी दी गई. जब परिवादी ने मूल चेक के लिए पूछा तो बैंक ने कहा कि उन्होंने 20 सितंबर 2018 को ही ओवरनाइट कोरियर के जरिए उसे भिजवा दिया था, लेकिन कोरियर वाले से पार्सल खो गया था.


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 इसकी रिपोर्ट कोरियर वाले ने 17 नवंबर 2018 को साइबर क्राइम थाने में दर्ज कराई थी. बैंक की इस लापरवाही को उपभोक्ता अदालत में चुनौती देते हुए कहा कि परिवादी ने बड़ी मुश्किल से अपनी उधार राशि के भुगतान पेटे दीपक से चेक लिया था, लेकिन चेक खोने के चलते उसे राशि नहीं मिली है और वह चेक बाउंस का केस भी नहीं कर सकता. बैंक की लापरवाही से परिवादी को आर्थिक नुकसान हुआ है. इसलिए उसे बैंक से हर्जाना दिलवाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने बैंक पर हर्जाना लगाया है.