शरद पूर्णिमा पर डिग्गी मालपुरा में उमड़ा जनसैलाब, श्री कल्याण जी महाराज के किए दर्शन
Sharad Purnima : शरद पूर्णिमा पर डिग्गी मालपुरा में जनसैलाब उमड़ पड़ा. श्रद्धालुओं ने श्री कल्याण जी महाराज के दर्शन किए.
Sharad Purnima : विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल डिग्गी पुरी श्री कल्याण जी महाराज के शरद पूर्णिमा पर उमड़ा आस्था का सैलाब सुबह मंगला आरती से ही क्षृद्धालुओ का सिलसिला जारी हुआ जो आज शाम तक क्षृद्धालु अपनी लाईन में लगकर दर्शन करते हुए नजर आए वहीं भगवान श्री कल्याण जी महाराज के पुजारी ने बताया की आज शरद पूर्णिमा पर भगवान की विषेश झांकी सजाई गई इस अवसर पर श्री कल्याण जी को सर्दी के वस्त्र धारण करवाऐ गये जिससे भगवान की झांकी बड़ी मनमोहक लग रही थी. वहीं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर डिग्गी पुलिस सहित पुलिस जाप्ता रहा तैनात थाना अधिकारी के पी सिंह, एएस आई केलाश चन्द, भंवर लाल गुर्जर सहित अन्य पुलिस कर्मि रहे मन्दिर परिसर व मुख्य मार्ग पर तैनात.
शरद पूर्णिमा साल भर में आने वाले 12 पूर्णिमा में सबसे खास माना जाता है. इस पूर्णिमा की खासियत यह है कि यह आश्विन मास की पूर्णिमा है. आश्विन मास अश्विनी कुमारों को दिया गया है. अश्विनी कुमार देवताओं के वैद्य के रूप में सनातन संस्कृति में जाने जाते हैं. इसलिए शरद पूर्णिमा पर दिखने वाली चांद की चांदनी को औषधी युक्त माना जाता है. इस दिन चंद्रमा की चांदनी 16 कलाओं से युक्त होती है.
ये है मान्यता
शरद पूर्णिमा की शीतल चांदनी में रखी खीर खाने से शरीर के सभी रोग दूर होते हैं. ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन और भाद्रपद मास में शरीर में पित्त का जो संचय हो जाता है, शरद पूर्णिमा की शीतल धवल चांदनी में रखी खीर खाने से पित्त बाहर निकलता है.
इस खीर को एक विशेष विधि से बनाया जाता है. पूरी रात चांद की चांदनी में रखने के बाद सुबह खाली पेट यह खीर खाने से सभी रोग दूर होते हैं, शरीर निरोगी होता है.
शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा भी कहते हैं. स्वयं सोलह कला संपूर्ण भगवान श्रीकृष्ण से भी जुड़ी है यह पूर्णिमा. इस रात को अपनी राधा रानी और अन्य सखियों के साथ श्रीकृष्ण महारास रचाते हैं.
Reporter- Purushottam Joshi
ये भी पढ़े..
शरद पूर्णिमा पर राजस्थान के इस गांव में खुद पधारतें हैं भगवान कृष्ण, लगता है 3 दिन का मेला
नागौर के एक लड़के ने बदल दी किसानों की किस्मत, राष्ट्रपति ने भी किया सम्मान, अब सेना कर ही उपयोग