Rajasthan News : राजस्थान के पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में 350 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है, जिसमें करोड़ों रुपये की सरकारी सामग्री गायब हो गई है. इंजीनियर्स की कस्टडी में रखी गई सरकारी सामग्री, जैसे DI पाइप, HDPE पाइप्स, रबर ज्वॉइंट्स, समरसिबल पंप, इलैक्ट्रिकल पैनल्स और वॉल्व्स गायब हो गए हैं. ये सभी सामग्रियां सरकारी खजाने से खरीदी गई थीं.


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यह घोटाला राजस्थान के सीकर, झुंझुनूं, नागौर, अलवर, शाहपुरा, कोटपुतली, जयपुर, बहरोड़, महुआ, सिकराय, बांदीकुई और मंडावर में हुआ है. आशंका है कि इंजीनियर्स और ठेकेदारों द्वारा सामग्री गायब की गई है. 


जलदाय प्रशासन में मचा हड़कंप



सरकार ने ठेकेदार पदमचंद जैन को सामग्री का 350 करोड़ रुपये का भुगतान किया था, जिसमें श्री श्याम ट्यूबवैल और गणपति ट्यूबवैल को भी भुगतान किया गया था. पिछली सरकार के कार्यकाल में 90 फीसदी भुगतान किया जा चुका था. सरकारी सामग्री के गायब होने से जलदाय प्रशासन में हड़कंप मच गया है, और पूरे मामले पर उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी गई है.


पिछली सरकार के दौरान हुआ था खुलासा



राजस्थान में पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान जल जीवन मिशन में हाल ही में 500 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ है. इस घोटाले को वित्त विभाग ने विधानसभा से छिपाकर अंजाम दिया था. जानकारी के अनुसार, सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच जारी है. 


अनुमति के बिना ट्रांसफर किए 500 करोड़



मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीएचईडी विभाग के 500 करोड़ रुपये का राजस्व विधानसभा की अनुमति के बिना राजस्थान वाटर सप्लाई एंड सीवरेज कॉरपोरेशन बोर्ड को ट्रांसफर किया गया था, और फिर यह पैसा सीधे जल जीवन मिशन में ट्रांसफर कर दिया गया.