Ram Mandir: जानिए किस चीज से बना राम मंदिर, ना सीमेंट, ना लोहा
Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर जोर-शोर से तैयारियां जारी है. 22 जनवरी को पीएम मोदी की मौजूदगी में रामलला विराजमान होंगे. लगभग राम मंदिर पूरी तरह तैयार हो गया है. राम मंदिर को बनाने में लोहा और सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया गया है. इस मंदिर को सिर्फ पत्थरों से बनाया गया है, जिनको टेक्नोलॉजी की मदद से फिट किया गया है.
6 IIT ने मिलकर बनाया प्लान
इस काम में IIT मुंबई, IIT दिल्ली, IIT चेन्नई, IIT गुवाहाटी, IIT मद्रास, NIT सूरत और IIT खड़गपुर के अलावा CSIR यानी Council of Scientific & Industrial Research और CBRI यानी सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्ट्टीट्यूट ने मदद की. इसके अलावा लार्सन टुब्रो और टाटा के एक्पर्ट इंजीनियर्स ने राम मंदिर के काम में अहम भूमिका निभाई.
लंबे वक्त तक किया परीक्षण
मंदिर को बनाने में इस्तेमाल हर चीज को लेकर अलग-अलग एक्सपर्ट से राय ली गई है. लंबे वक्त तक परीक्षण के बाद सभी चीजों को फाइनल किया गया है. इसके अलावा रडार सर्वे का भी सहारा लिया गया. करीब 50 फुट गहरी खुदाई के बाद तय किया गया कि कृत्रिम चट्टान तैयार की जाए.
इस तकनीक से बना मंदिर
भगवान रामलला की मूर्ति परंपरागत प्राचीन शैली और संस्कृति के साथ नई तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. हर साल रामनवमी में श्रीराम की मूर्ति पर सूर्य की किरणों को पहुंचाने के लिए तकनीक काम किया जा रहा है. मंदिर में लगे पत्थरों को टेस्टिंग के बाद इस्तेमाल किया जा रहा है.
ना सीमेंट-ना लोहा
अयोध्या राम मंदिर को पत्थरों से बनाया गया है. जिन पत्थरों से मंदिर बनाया गया, उनकी लैब टेस्टिंग की गई है. इसके साथ ही पत्थर जोड़ने के लिए भी तांबे का यूज किया गया है. इसका मकसद यह है कि बाढ़-आंधी तूफान आने के बाद भी भव्य मंदिर को कोई नुकसान ना पहुंचे.
भगवान रामलला की मूर्ति
राम मंदिर में गर्भगृह में लगने वाली भगवान रामलला की मूर्ति को मैसूरु के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है. भगवान राम की प्रतिमा को अयोध्या के भव्य श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा इस मूर्ति को लगाया जाएगा.