राजस्थान की `मौताणा प्रथा` में किसके हिस्से आती है कितनी रकम?

Rajasthan News: आज हम आपको राजस्थान की मौताणा प्रथा के बारे में बताने जा रहे हैं. जानिए मौताणा प्रथा में किस्से हिस्से कितनी रकम आती है.

स्नेहा अग्रवाल Mon, 16 Sep 2024-3:16 pm,
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मौताणा का अर्थ

मौताणा का अर्थ होता है मौत का आणा यानी रुपये. यह प्रथा काफी पुरानी है, जिसमें  शव का सौदा किया जाता है. जिस समय कोई कानून नहीं होती थी तब उदयपुर, बांसवाड़ा, सिरोही व पाली जिले के आदिवासियों में अस्वाभाविक या अप्राकृतिक मौत पर जिम्मेदार इंसान से मौताणा वसूलने की प्रथा की शुरुआत हुई.

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इस तरह बंटती है मौताणा की रकम

इस प्रथा के अनुसार, दोनों पक्षों की मौजूदगी में पंचायत बैठती है और मौताणा की रकम तय करती है. मौताणा की रकम का दस फीसदी हिस्सा पंचों में, पच्चीस फीसदी पीड़ित परिवार और बचा हुआ सभी लोगों में बराबर बांट दी जाती है. 

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इस तरह दी जाती है मौताणा राशि

मौताणा देने वाले पक्ष का परिवार कुल रकम का पच्चीस फीसदी देता है और बचा हुआ परिजन और रिश्तेदार मिलकर देते हैं. 

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क्या हैचढ़ोतरा?

वहीं, अगर कोई मौताणा देने से मना करता है तो चढ़ोतरा यानी दल-बल के साथ चढ़ाई की कार्रवाई की जाती है. मौताणा देने वाले पक्ष के घर पर लूटपाट की जाती और आग लगा दी जाती है. 

 

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चढ़ोतरा में 16 घरों में लूट

साल 2004 में उदयपुर जिले के गउपीपला गांव में चढ़ोतरा में 16 घरों को लूटा गया और फिर आग लगा दी गई. वहीं, पीड़ित परिवारों ने पुलिस को सूचना दी, जिस पर हालात काबू करने के लिए पुलिस ने फायरिंग की. 

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