Phulera News: पेंडिंग फाइलों के निस्तारण नहीं होने तक पट्टे देने पर लगी रोक
रेनवाल (जयपुर) शिविर प्रभारी तहसीलदार सुनीता चौधरी की अध्यक्षता में प्रशासन शहरों के संग मीटिंग आयोजित की गई है. मीटिंग में 3000 पट्टे बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इससे पहले कुछ पार्षदों ने शिविर प्रभारी के मीटिंग में देरी से आने से कड़ा विरोध जताया था. पार्षद कजोड़ मल रेगर ने दलालों के माध्यम से होने वाले नगरपालिका कार्यों को खत्म करने की अपील की है.
Phulera: राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत हर घर, हर परिवार को पट्टा देने की मंशा तभी पूरी होगी जब पेंडिंग फाइलों का जल्द निस्तारण किया जाएगा. यह बात शिविर प्रभारी और रेनवाल तहसीलदार सुनीता चौधरी ने शहर के नगरपालिका सभागार में पालिका बोर्ड की बैठक में प्रशासन शहरों के संग शिविर के तीसरे चरण की सफलता को लेकर आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए कही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा हर परिवार को मालिकाना हक देना है. इसके लिए एक जुलाई से प्रशासन शहरों के संग अभियान के तीसरे चरण का शुभारंभ किया गया था.
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तीसरे चरण को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा रेनवाल तहसीलदार सुनीता चौधरी को शिविर का प्रभारी नियुक्त किया गया है, जिसके बाद चौधरी ने शिविर के सफल संचालन और अधिक से अधिक पट्टे देने की रणनीति को लेकर पालिका प्रशासन और पार्षदों से आपसी समन्वय बनाने को लेकर नगरपालिका सभागार में एक मीटिंग का आयोजन किया.
मीटिंग में शिविर प्रभारी सुनीता चौधरी के 15 मिनट देरी से आने पर पार्षदों ने कड़ा एतराज जताया. पार्षदों ने कहा कि नगरपालिका के जनप्रतिनिधि जनता द्वारा चुने गए हैं प्रशासन के नौकर नहीं है. इसलिए प्रशासनिक अधिकारी यदि किसी कार्यक्रम को लेकर मीटिंग का आयोजन करते हैं, तो मीटिंग में समय पर आने का कष्ट करें.
बैठक में पार्षद कजोड़ मल रेगर ने नगरपालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार की आवाज पर पालिका प्रशासन को आड़े हाथ लिया. साथ ही उन्होंने कहा कि नगरपालिका में जो दलाली का खेल चल रहा है, इसे जल्द खत्म करके आम नागरिकों को ज्यादा से ज्यादा पट्टे देने चाहिए. ऐसा नहीं होना चाहिए कि फला आदमी से फाइल बनाने पर उसका काम जल्दी होगा और उसका काम धीरे होगा, यदि ऐसा होगा तो कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
पार्षद महेंद्र सिंह सुल्तानिया ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार द्वारा जब शिविर का शुभारंभ किया गया था तो स्थानीय नगरपालिका प्रशासन द्वारा एक हजार पट्टे देने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन स्थानीय पालिका अध्यक्ष और प्रशासन की अनदेखी और लापरवाहीपूर्ण रवैय के चलते रेनवाल नगरपालिका प्रशासन द्वारा अब तक केवल 246 पट्टे दिए गए हैं, जबकि दिलचस्प बात यह है कि नगरपालिका में पट्टा चाहने वालों की लिस्ट काफी लंबी है.
मीटिंग के दौरान जब शिविर प्रभारी ने इसकी जानकारी ली तो पता चला कि रेनवाल नगरपालिका में करीब 800 आबादी भूमि और करीब 500 कृषि भूमि सहित करीब 13 सौ से अधिक लोग पट्टा लेने के लिए आवेदन कर रखे हैं, लेकिन पालिका प्रशासन द्वारा उन्हें कुछ न कुछ कमी बताकर लटका दिया जाता है.
मीटिंग के दौरान पालिका अध्यक्ष सहित अधिशासी अधिकारी राकेश शर्मा, पालिका उपाध्यक्ष छितर मल परेवा, कनिष्ठ अभियंता किशोर घाशल, आर आई रघुवीर वर्मा, पार्षद सीताराम कुमावत, धर्मेंद्र चौधरी, राजू तिवारी, पुखराज परेवा, गोपाल दायमा, कजोड़ मल रेगर, कजोड़ मल कुमावत, शंकर सोनी, योगेंद्र सिंह शेखावत, मुकेश कुमावत, इसाक भाया तेली सहित अनेक लोग उपस्थित थे.
Reporter: Amit Yadav
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