महाकाल लोक का PM ने किया लोकार्पण, गर्भगृह में पीएम ने पूजा के बाद लगाया ध्यान, देखें वीडियो
उज्जैन का महाकाललेश्वर मंदिर सनातन संस्कृति और आध्यात्मिकता का केंद्र रहा है. एक मात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है.. शास्त्रों और पुराणों में महाकाल का व्यापक वर्णन है.
उज्जैन/ जयपुर: 12 द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के नए दर्शन परिसर 'महाकाल लोक' का पीएम मोदी ने लोकार्पण किया. यह पूरा शिवलिंग कलेवा से तैयार किया गया है.
कॉरिडोर उद्घाटन से पहले पीएम मोदी ने महाकाल गृभगृह में पूजा की. इस दौरान पीएम मोदी ने कुछ समय के लिए ज्योतिर्लिंग के सामने ध्यान भी लगाया. पीएम मोदी गृभगृह में बैठकर जाप करते दिखे.
इस मौके पर पूरे महाकाल मंदिर और महाकाल लोक को फूलों से सजाया गया है.अहमदाबाद से विशेष विमान के जरिए वे पहले इंदौर और वहां से एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर से उज्जैन पहुंचे और सीधा महाकाल मंदिर पहुंचे. इस दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहे.
पीएम मोदी ने 200 संतों और करीब हजारों लोगों की मौजूदगी में 'महाकाल लोक' का उद्घाटन किया. महाकाल लोक में 108 विशाल स्तंभ बनाए गए हैं. इन पर महादेव, पार्वती समेत उनके पूरे परिवार के चित्र उकेरे गए हैं. ये चित्र देखने में बिलकुल मूर्तियों की तरह ही हैं जिनमें शिव, पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की लीलाओं का वर्णन है.
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प्रतिमाओं पर QR कोड स्कैन कर शिव की जानकारी पा सकते हैं आप
यहां हर एक प्रतिमा के सामने QR कोड लगाया है, जिसे स्कैन करते ही भगवान शिव की कहानी की जानकारी आपके मोबाइल स्क्रीन पर आ जाएगी. यानी नई पीढ़ी को पौराणिक इतिसाह, कथाओं और मान्यताओं से जोड़ना है. बता दें कि महाकाल लोक में एक दिन में 10 लाख से ज्यादा लोग महाकाल का दर्शन कर सकते हैं.
2.8 हेक्टेयर में फैला महाकाल परिसर
कार्यक्रम स्थल पर वाटर प्रूफ डोम बनाया गया है, जहां 60 हजार लोग मौजूद हैं. इस दौरान क्षिप्रा के तट पर इस प्रोग्राम को दिखाने के लिए बड़ी स्क्रीन लगाई गई हैं. यहां करीब एक लाख लोगों के जुटने की संभावना है. ये प्रोग्राम 40 देशों में लाइव भी दिखाया जा रहा है. 856 करोड़ रुपए की लागत से 'महाकाल लोक' प्रोजेक्ट को तैयार किया गया है. इसके जरिए 2.8 हेक्टेयर में फैला महाकाल परिसर 47 हेक्टेयर का हो जाएगा. इसमें 946 मीटर लंबा कॉरिडोर है.
कॉरिडोर में बनी मूर्तियों में राजस्थान से आए पत्थर
कॉरिडोर के भीतर जो मूर्तियां तैयार की गई हैं, उसमें राजस्थान से पत्थर मंगवाए गए हैं. साथ ही राजस्थान के कारीगरों ने मूर्तियां तैयार की हैं. कॉरिडोर में 20 हेक्टेयर में सिर्फ काम हुआ है. आगे इसमें और काम होना बाकी हैं.