सियासी तकरार के बीच अशोक गहलोत सरकार ने शुरू की बजट की तैयारी, मांगें जा रहे सुझाव
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सियासी तकरार के बीच अशोक गहलोत सरकार ने शुरू की बजट की तैयारी, मांगें जा रहे सुझाव

Rajasthan Budget : राजस्थान में सियासी तकरार के बीच अशोक गहलोत सरकार ने बजट की तैयारी शुरू कर दी है. इसे लेकर अब सुझाव भी मांगे जा रहे हैं.

सियासी तकरार के बीच अशोक गहलोत सरकार ने शुरू की बजट की तैयारी, मांगें जा रहे सुझाव

Rajasthan Budget : राजस्थान की सियासी हलके में चल रही गहमा-गहमी  के बीच सरकार ने अगले बजट की तैयारियां शुरू कर दी है. राज्य का वित्त विभाग सभी विभागों के साथ बीएफसी बैठकें कर रहा है. इनमें इस साल के बजट एस्टीमेट की प्रोग्रेस और अगले बजट एस्टीमेट को लेकर मंथन किया जा रहा है. वहीं अगले महीने विभिन्न वर्गों के साथ बैठकें आयोजित कर उनके सुझाव लेगा. साथ ही विभागों से अगले महीने तक ही बजट घोषणा बिंदुओं में इन सुझावों को शामिल करने के निर्देश दिए हैं.

राजस्थान में अगले साल दिसम्बर में विधानसभा चुनाव है. चुनाव से पहले राज्य सरकार की ओर से पेश किया जाने वाला आखिरी बजट है, ऐसे में सरकार इसमें कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है. प्रदेश में युवाओं की बड़ी संख्या है और राजनीतिक दल युवाओं को लुभाने की हर संभव कोशिश में है. खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कह चुके हैं कि इस बार का बजट को युवाओं को समर्पित होगा. सीएम गहलोत ने कहा कि अगला बजट पेश करेंगे वो युवाओं के लिए होगा. इसके लिए विभागों को निर्देश दिए हैं कि युवाओं के लिए अभी क्या-क्या योजनाएं और उन योजनाओं का इम्प्लीमेंट जल्दी हों. विभागों से सुझाव  मांगे गए हैं कि वो कौनस काम हैं जो युवाओं और छात्रों के लिए हो सकते हैं.

इधर वित्त विभाग के अधिकारी भी बजट की तैयारियों के मद्देनजर जोर-शोर से जुट गए हैं. वित्त विभाग की ओर से बीएफसी अर्थात बजट फाइनालाइल्ड कमेटी की बैठकें शुरू कर दी है. इसमें कमेटी प्रत्येक विभाग के अधिकारियों के साथ अलग अलग दिन बैठक कर मंथन कर रही है. इसमें वर्ष 2022-23 की बजट घोषणाओं के संशोधित आय व्ययक अनुमान और आने वाले बजट के एस्टीमेट पर चर्चा की जा रही है. इस साल की बजट घोषणाओं में कितनी पूरी हुई, किन योजनाओं में कितना बजट खर्च हो चुका, किन योजनाओं का पूरा करने में संशोधित बजट की आवश्यकता होगी. वहीं किन योजनाओंa में खर्च होने से कितना बजट शेष रह गया है. बीएफसी बैठकों को लेकर वित्त विभाग इतना सख्त है कि सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि इन बैठकों के कार्यक्रम में परिवर्तन के किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह अन्य विभागों की बीएफसी बैठकों और बजट निर्माण को प्रभावित कर सकता है.

अगले बजट पर भी पूरा फोकस

प्रमुख वित्त सचिव अखिल अरोड़ा ने राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को आगामी बजट को लेकर विभागों की गतिविधिविधियों पर अलर्ट रहने के लिए लिखा है. उन्होंने कहा कि विभाग से सम्बंधित गतिविधियों के सम्बंध में शेष रहे जन घोषणा पत्र के बिंदुओं और ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिस का भी अध्ययन करा कर अपने प्रस्तावों में शामिल किया जाए. राज्य बजट वर्ष 2023-24 की बजट घोषणाओं से सम्बंधित बैठकों में सम्बंधित वर्गों से मिले सुझावों को भी शामिल करें.

स्टेक हॉल्डर्स से भी लिए जाएंगे सुझाव

राज्य सरकार हर साल विधानसभा में बजट पेश करने से पहले स्टेक हॉल्डर्स अर्थात राज्य के व्यापारी, उद्योगपति, कर्मचारी, युवा, महिलाओं सहित विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ मंत्राणा करती है. उनकी ओर आए सुझावों को बजट में शामिल किया जाता है. प्रमुख वित्त सचिव अखिल अरोड़ा ने विभागों को सम्बंधित स्टेक हॉल्डर्स के साथ राज्य स्तर पर, संभाग स्तर पर और आवश्यकता होने पर जिला स्तर पर भी बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए हैं. स्टेक हॉल्डर्स के साथ बैठकें 15 नवम्बर से पूर्व कर उनके सुझाव वित्त विभाग को भिजवाने के लिए कहा गया है. वित्त विभाग ने इन मंत्रणा बैठकों का कलेंडर भी विभागों से मांगा है ताकि इनमें मौजूद रहने के लिए वित्त विभाग के  प्रतिनिधि नामित किए जा सकें.

मुख्यमंत्री गहलोत ने दो अक्टूबर को ही कहा था कि बजट को लेकर नजता से भी उन्होंने आह्वान किया है कि अगर कोई सुझाव हो उनके पास में तो पब्लिक इंटरेस्ट के अंदर, प्रदेश के इंटरेस्ट के अंदर वो आगे बढ़कर सुझाव दें. राजस्थान युवाओं, छात्रों के लिए कैसे मॉडल बने यह प्रयास कर रहे हैं. इस बार हमने किसानों के लिए अलग बजट पेश किया था, एक मैसेज गया और किसानों को भी अच्छा लगा. हमने उनके लिए बजट आवंटन डबल कर दिए उसी प्रकार हम चाहते हैं क्योंकि आने वाला कल युवाओं का है उनके लिए मैं क्या कर सकता हूं उस दिशा में हम लोग लगे हुए हैं.

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