BJP को विधानसभा के घेराव से पुलिस ने रोका, सुरक्षाबल और कार्यकर्ताओं के बीच हुई धक्का-मुक्की
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और नेता बैरीकैडिंग हटाने के लिए उस पर चढ़ भी गए और इस पर पुलिस ने इन्हें लाठीचार्ज की चेतावनी दे दी.
Jaipur: राजस्थान भाजपा ने लंपी कहर, महिला अपराध, कर्ज माफी, बेरोजगारी सहित कई मुद्दों पर विधानसभा घेराव और प्रदर्शन तय किया. इसके तहत दोपहर करीब 12 बजे प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के साथ भाजपा नेता और कार्यकर्ता बीजेपी मुख्यालय से विधानसभा कूच के लिए निकले.
रास्ते में 22 गोदाम सर्किल से पहले तिराहे पर पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रोकने का प्रयास किया. पुलिस ने इन्हें आगे बढ़ने से रोका तो कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई. भाजपा कार्यकर्ता और नेता लकड़ी की बल्लियों से बनी सिंगल बेरिकैडिंग तोड़कर आगे बढ़ गए. आगे पुलिस ने लोहे की मजबूत बेरिकेडिंग के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया हुआ था.
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और नेता बैरीकैडिंग हटाने के लिए उस पर चढ़ भी गए. इस पर पुलिस ने इन्हें लाठीचार्ज की चेतावनी दे दी. कार्यकर्ता गहलोत सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहें. कुछ देर हंगामे की स्थिति बनी रही. पुलिस ने बेरिकेडिंग पर चढ़े नेताओं को नीचे धकलने का प्रयास किया, इसमें पूर्व मंत्री अरूण चतुर्वेदी और और नेता जितेंद्र गोठवाल के चोट लग गई.
पुलिस ने कार्यकर्ताओं को धकियाते हुए खदेड़ने का प्रयास किया. कुछ समय बाद पुलिस पूनिया और अन्य नेताओं को धकियाते हुए कुछ दूर ले गई और उन्हें हिरासत में लेकर बसों में बिठा लिया. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के साथ ही सांसद सुमेदानंद सरस्वती, मनोज राजोरिया, रंजीता कोली, पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी. पुलिस की दो बसों में भरकर सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बनीपार्क थाने ले जाया गया. वहां से कुछ घंटे बाद सभी को छोड़ दिया गया.
सरकार भागना चाह रही है, लेकिन भागने नहीं देंगे - पूनिया
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने आरोप लगाया कि राज्य की कांग्रेस सरकार सदन से भी और धरातल से भी भागना चाह रही है, लेकिन राजस्थान की जनता और प्रतिपक्ष उनको भागने नहीं देगा. इस समय जो ज्वलंत मुद्दा है और वह लंपी का है, राजस्थान के गोवंश को बड़ा भारी नुकसान हुआ है, सरकार का आंकड़ा 10 लाख गायों के संक्रमित होने का और 57 हजार के आसपास काल कलवित होने का है, लेकिन जो हकीकत है वह इसके इतर है, 30 लाख से भी अधिक गाय संक्रमित हुई और 10 लाख से अधिक गोवंश को नुकसान हुआ है, यह सीधे-सीधे सरकार की संवेदनहीनता का प्रमाण है.
पड़ोसी राज्यों में टीकाकरण तो राजस्थान में क्यों नहीं ?
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और अन्य नेताओं ने कहा कि राजस्थान को छोड़कर इसके पड़ोसी राज्य हैं. चाहे हरियाणा हो, गुजरात हो या उत्तर प्रदेश हो उन्होंने बहुत सही तरीके से सही समय पर इस आपदा से निपटने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए और वह सफल भी हुए. पूनिया ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन दो से तीन लाख का टीकाकरण किया जा रहा है. इसी तरीके से उन्होंने बहुत पहले से ही शेल्टर्स बनाए, आइसोलेशन बनाए, टीकाकरण किया जा रहा है, पशुधन सहायकों की नियुक्तियां की, तीनों ही पड़ोसी प्रदेशों में बहुत अच्छे तरीके से प्रबंधन कर गोवंश को बचाया जा रहा है, अब काफी हालात वहां काबू में है.
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