संत विजयदास बाबा के निधन पर सियासत गरमाई, शेखावत ने की CBI जांच की मांग, राजे ने गहलोत सरकार को बताया जिम्मेदार
Jaipur : खनन के खिलाफ आत्मदाह करने वाले संत विजयदास 80 फीसदी जल चुके थे जिन्होने दिल्ली में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. संत की मौत के बाद से राजस्थान की सियासत फिर से गरमा गयी है.
Jaipur : संत विजय दास बाबा के निधन से राजनीति गरमा गयी है. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पूरे मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी सीबीआई से करवाने की मांग की है. जी मीडिया से बातचीत में गजेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले 550 दिन से ब्रज क्षेत्र के बाबा भगवान कृष्ण की लीला भूमि को बचाने का प्रयास कर रहे थे.
शेखावत ने कहा कि वर्तमान सरकार से बातचीत के बाद हर बार उनको विश्वासघात मिला. प्रियंका गांधी से मिलने के बाद मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद भी उनकी मांगों पर कोई निर्णय नहीं हो पाया. साधुओं ने आत्मदाह की चेतावनी देने के बावजूद सरकार के कान पर पर कोई जू तक नहीं रेंगी. सरकार खनन माफियाओं के साथ मिली हुई थी. इस मामले में किसी नेता का निजी हित जुड़ा हुआ था और इसका विरोध करने के लिए एक बाबा को अपनी जान गंवानी पड़ी.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब आत्मदाह का प्रयास किया गया तो उसके बाद 24 घंटे में आनन-फानन में जमीन को वन क्षेत्र के लिए देने के आदेश दिए. लेकिन सरकार के एक फैसले के अनुपालन में साधुओं को जान गंवानी पड़ रही है. सरकार दबाव बनाकर अंतिम संस्कार करवाना चाहती है. इस विषय की केंद्रीय एजेंसी सीबीआई से जांच होनी चाहिए ताकि पूरे मामले का सच सामने आ सके. इसके पीछे कौन कौन लोग थे उनको बेनकाब किया जा सके. इस पूरे मामले मे पुलिस ने संवेदनहीनता का प्रदर्शन किया.
इधर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का भी बयान मामले पर सामने आया है. राजे ने कहा कि संत विजयबाबा के परलोक गमन से मुझे गहरा धक्का लगा है. राजे ने कहा कि अगर राज्य सरकार संतों की आवाज समय रहते सुन लेती,
उनकी बात पर उचित एक्शन ले लिया जाता, तो आज संत की जान नहीं जाती.
राजे ने कहा कि हमारी सरकार ने बृज क्षेत्र में अवैध खनन पर रोक लगाई थी. लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसमें फिर से ढील दे दी. अगर ऐसा नहीं होता तो एक संत को बलिदान नहीं करना पड़ता. राजे ने कहा कि संत की मौत की जिम्मेदार गहलोत सरकार है और इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए.
आपको बता दें कि राजस्थान के भरतपुर जिले के डीग क्षेत्र में आदिबद्री धाम और कनकाचल में हो रहे अवैध खनन के विरोध में साधु-संत के आंदोलन के दौरान संत विजयदास ने आत्मदाह कर लिया था. संत विजयदास का देर रात 2.30 बजे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में निधन हो गया.
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