Rajasthan News: नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क प्रदेश का एकमात्र ऐसा कैप्टिविटी वाला चिड़ियाघर है, जहां पर 29 प्रजातियों के वन्य जीव मौजूद हैं. इन दिनों जब बारिश शुरू हो चुकी है, तो वन विभाग ने वन्यजीवों की सेहत को लेकर विशेष सावधानी रखना शुरू कर दिया है. दरअसल, इन दिनों बारिश के चलते शाकाहारी और मांसाहारी दोनों ही तरह के वन्यजीवों के बीमार होने का खतरा बना रहता है. 


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वन्यजीवों के लिए क्या बदलाव ?
हर्बीवोरस की 9 प्रजातियों के वन्यजीव यहां उपलब्ध हैं, जिनमें स्पॉटेड डिअर, सिक्का डिअर, चीतल, चिंकारा, सांभर, बार्किंग डिअर, हॉग डिअर और चौसिंगा शामिल हैं. वहीं मांसाहारी और पक्षी श्रेणी के कुछ वन्यजीव भी यहां पर उपलब्ध हैं. बारिश के मौसम में वायरस और बैक्टीरिया का असर बढ़ने के चलते वन विभाग ने इन सभी वन्यजीवों की डिवर्मिंग करना शुरू कर दिया है. साथ ही वन्यजीवों के खानपान को लेकर भी बदलाव किए गए हैं. बरसात के दिनों में वन्यजीवों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने से जुड़े खान-पान व दवाइयां शुरू की गई हैं. वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक डॉ. अरविन्द माथुर ने यह बदलाव लागू कर दिए हैं. 


खानपान में भी बरती जा रही एहतियात
बायोलॉजिकल पार्क में पिछले दिनों हिप्पोपोटामस का सफल प्रजनन हुआ था. वहीं बेबी हिप्पोपोटामस का वजन भी 100 किलो से अधिक हो चुका है. ऐसे में हिप्पोपोटामस और टाइगर के 2 छोटे शावकों का विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है. ऐसे में इन वन्यजीवों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विशेष दवाइयां दी जा रही हैं. वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक डॉ. अरविन्द माथुर ने प्रत्येक वन्य जीव की प्रकृति के हिसाब से डाइट प्लान तैयार किया है और प्रत्येक वन्यजीव के केयर टेकर के जरिए इसे लागू कराया गया है. सर्दियों की आवक से पहले वन्यजीवों के इस खान-पान में और भी बदलाव किए जाएंगे. वहीं गर्मियों के दौरान दी जा रही डाइट को भी अब बंद कर दिया जाएगा. कुल मिलाकर बायोलॉजिकल पार्क प्रशासन का प्रयास है कि वन्यजीवों को इस तरह का खान-पान दिया जाए, जिससे उनका स्वास्थ्य बेहतर रहे. 


रिपोर्टर- काशीराम चौधरी


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