Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने जलदाय विभाग का निजीकरण करने का फैसला लिया है.  जलदाय विभाग को अब राजस्थान वाटर सप्लाई एंड सीवरेज कॉरपोरेशन (RWSSC) के नाम से जाना जाएगा. इसके लिए राज्य सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है वहीं कर्मचारी संगठन भी निजीकरण के विरोध में उतर आए हैं.


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अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि जलदाय विभाग की परिसंपत्तियों को निगम में स्थानांतरित करने के साथ ही सभी जल योजनाओं को मय स्टाफ के चरणबद्ध रूप से बोर्ड में समायोजित करने की घोषणा की गई है. देश आजाद होने के बाद से ही जलदाय विभाग राज्य सरकार के अधीन है. जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को आरडब्ल्यूएसएससी के अधीन किए जाने पर जलदाय विभाग एक बोर्ड के रूप में हो जाएगा और राज्य सरकार का किसी भी रूप से कोई नियंत्रण नहीं रहेगा.



उन्होंने कहा कि कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे आंदोलन को दबाने के लिए सरकार कई प्रयास कर रही है. हाल ही में सरकार ने द राजस्थान एसेंशियल सर्विस मेंटिनेस एक्ट, 1970 (रेस्मा) के तहत कार्रवाई करने के आदेश जारी किए गए हैं. जो न्यायोचित नहीं है और हिटलर शाही का प्रतीक है, जिसका महासंघ एकीकृत कड़े शब्दों में विरोध करता है. राज्य सरकार कभी अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का आदेश जारी कर कभी रेस्मा लगाने का आदेश जारी कर राज्य कर्मचारियों में भय पैदा कर रही है. महासंघ एकीकृत सरकार से मांग करता है कि सरकार राज्य कर्मचारियों पर दमनात्मक कार्रवाई बंद करते हुए उक्त आदेशों को वापस लेवे अन्यथा महासंघ एकीकृत को मजबूर होकर आंदोलनात्मक कदम उठाना पड़ेगा जिनकी समस्त जिम्मेदारी राजस्थान सरकार की होगी.