राजस्थान में एक जुलाई से प्लास्टिक से बने इन उत्पादों पर लगेगी रोक, बेचने वालों पर होगी कार्रवाई
प्रदेश में अगले महीने एक जुलाई से प्लास्टिक से बने एक दर्जनों उत्पादों पर रोक लग जाएगी. यदि कोई उत्पाद बेचता पाया जाता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
Jaipur: प्रदेश में अगले महीने एक जुलाई से प्लास्टिक से बने एक दर्जनों उत्पादों पर रोक लग जाएगी. यदि कोई उत्पाद बेचता पाया जाता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल मुख्यालय के अधिकारियों के अनुसार पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले इन उत्पादों में डिस्पोजेबल ग्लास से लेकर ईयर बड और प्लास्टिक से बने झंडे-बैनर तक शामिल हैं. केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इनके उत्पादन, भंडारण, वितरण और इस्तेमाल से जुडे सभी पक्षों को 30 जून से पहले इनका स्टॉक खत्म करने को कहा है. एक जुलाई से सिंगल युज प्लास्टिक का उपयोग पर रोक लगा दी है.
राज्य मंडल की कार्रवाई प्रदेश में एक जुलाई से करेगा
इसके मद्देनजर परकोटे समेत पूरे शहर और जिलों में फैक्टियों के संचालकों से जून महीने के आखिरी तारीख तक स्टॉक खत्म करने के लिए पाबंद किया जाएगा. नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी और स्टाफ स्टॉक की जांच के लिए दौरा भी पहले सप्ताह से शुरू कर दिया है. परकोटे समेत शहरभर में 500 से अधिक दुकानें हैं.
इन पर रहेगी रोक
एक जुलाई से गुब्बारे में लगने वाली प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, सजावट में काम आने वाले थर्माकोल, प्लास्टिक कप, प्ले, गिलास, कांटा, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, मिठाई के डिब्बों पर लगाई जाने वाली प्लास्टिक, निमंत्रण पत्र, 100 माइक्रोन से काम मोटाई वाले पीवीसी बैनर प्रतिबंध किए जाएंगे. सीपीसीबी ने सभी उत्पादकों, स्टॉकिस्ट, दुकानदारों, ई-कॉमर्स कम्पनियों, स्ट्रीट वेंडर, मॉल, मार्केट, शॉपिंग सेंटर, सिनेमा हॉल, टूरिस्ट लोकेशन, स्कूल-कॉलेज, ऑफिस कॉम्प्लेक्स, अस्पताल और अन्य संस्थानों को इन चीजों के वितरण, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगाने को कहा है.
सिंगल यूज प्लास्टिक काफी नुकसान दायक
मंडल सदस्य सचिव उदय शंकर ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक के लिए नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका भी सख्त हो. प्रकृति के साथ ही वन्यजीवों व अन्य जानवरों के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक काफी नुकसान दायक है. जानवर अपने भोजन के साथ प्लास्टिक का सेवन कर लेते हैं. इस प्लास्टिक को पचाया नहीं जा सकता है. यह जानवरों के शरीर की आंतों में फंस जाता है, जिससे गंभीर बीमारी हो जाती है.
1. भारी मात्रा में ठोस कचरे का उत्पादन और निस्तारण में आने वाली समस्या
2. समुद्री जीवों पर प्रभव पडता है
3. मानव शरीर और भेजन पर प्रभाव पडता है
4. जलवायु परिवर्तन पर प्रभाव पडता है
5. प्लास्टिक प्रकृतिक के सौंदर्य को नष्ट करता है.
राज्य मंडल द्वारा जागरूकता अभियान
राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा सिंगल युज प्लास्टिक का उपयोग पर रोक लगाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. विभिन्न जन—जागरूकता अभियान के आयोजन हेतु राज्य मंडल के समस्त क्षेत्रीय कार्यालयों को कुल 53.5 रूपए की राशि आवंटित की गई.
1. नुक्कड नाटक,ड्राइंग—निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन
2. विभिन्न हित—धारकों के साथ विचार—विमर्श एवं जन चेतना का आयेजन
3. प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक,सोशल मीडिया द्वारा प्रचार प्रसार
4. बैन होने वाली और वैकल्पिक वस्तुओं की प्रदर्शनी का आयोजन
5. पैम्पलेट और कपडे के थैलों पर संदेश के माध्यम से प्रचार प्रसार
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