Jaipur News: PHED में चार्जशीट छुपाकर प्रमोशन के बंपर तोहफे दिए गए. बिना चार्जशीट थमाए ही प्रमोशन के बाद अब इंजीनियर्स को पोस्टिंग की तैयार भी की जा चुकी है. हैरानी की बात तो ये है कि 12 साल से प्रकरणों में अब तक चार्जशीट नहीं मिल पाई. एईएन से लेकर चीफ इंजीनियर तक बिना चार्जशीट थमाए प्रमोशन दिए गए.


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ताकि लिफाफा बंद ना हो...!


जलदाय विभाग में 135 से ज्यादा अभियंताओं को भ्रष्टाचार,गडबड़ी और घोटालों के मामले में चार्जशीट थमाई जानी बाकी है.जिसमें से 6 इंजीनियर्स तो ऐसे है जिनका चार्जशीट थमाए बिना ही प्रमोशन दे दिया.चीफ इंजीनियर बने महेश जांगिड़ का नाम भी अनुशासनिक कार्रवाई के लंबित प्रकरणों में है, लेकिन चार्जशीट थमाए बिना ही उनका प्रमोशन कर दिया गया.यदि उन्हें चार्जशीट थमाए जाती तो महेश जांगिड़ का लिफाफा बंद हो जाता और उनका प्रमोशन अटक जाता.जलदाय विभाग की कार्रवाई के लंबित प्रकरणों की सूची में महेश जांगिड़ के प्रकरण को भी स्पष्ट नहीं किया गया है.अब जांगिड़ को जल्द ही चीफ इंजीनियर पद पर पोस्टिंग दी जाएगी.12 साल तक प्रकरणों में पीएचईडी ने चार्जशीट ही नहीं थमाई.



इन इंजीनियर्स को नहीं थमाई चार्जशीट..और मिला प्रमोशन


इंजीनियर का नाम.........प्रकरण.......... प्रमोशन किस पद पर


महेश जांगिड़........... कोटा रीजन में........ चीफ इंजीनियर



विजय यादव.......... भरतपुर रीजन में..........अधीक्षण अभियंता


आशीष चाहर......... जयपुर रीजन 2 में......... अधिशासी अभियंता



ऋषभ जैन..........जयपुर,टैंकर में फर्जी ट्रिप...अधिशासी अभियंता


ताराचंद कुलदीप....... जालौर में अनियमितता......अति.मुख्य अभियंता


मनोज भवण.......... रबर शीट ............अधीक्षण अभियंता



7 फाइलें मंत्री स्तर पर लंबित


71 प्रकरणों में से 7 फाइलें मंत्री के पास लंबित है.रीजन्स स्तर तक भी चार्जशीट लंबित है.भरतपुर में 9,बीकानेर-चूरू में 1-1,जयपुर प्रथम में 21,कोटा 3,अजमेर 7,अलवर एनसीआर 6,जोधपुर 1 में 4,जोधपुर 2 में 9,उदयपुर में 1,सीई प्रोजेक्ट में 2,ड्रिलिंग क्षेत्र में 1 प्रकरण लंबित है.इस पूरे मामले पर चीफ इंजीनियर प्रशासन दिनेश गोयल खामोश है.वहीं अधीक्षण अभियंता केसी मीणा को चार्जशीट से पहले प्रमोशन मिल गया,अब तो वे रिटायर्ड भी हो गए.इसके अलावा बहुत से इंजीनियर्स रिटायर्ड हो गए और आज तक चार्जशीट नहीं मिली और अब उन्हें बढी हुई पेंशन का लाभ भी सरकारी खजाने से मिल रहा है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या प्रमुख सचिव भास्कर ए सावंत चार्जशीट के प्रकरणों गंभीरता से लेंगे?