Jaipur News: जयपुर नगर निगम ग्रेटर और हैरिटेज इस साल भी बजट बैठक नहीं होगी. जयपुर शहर सांसद ने लोकसभा सत्र चलने का हवाला देकर बैठक को सत्र के बाद आयोजित करने के लिए कहा है. सांसद के इस फैसले के बाद ग्रेटर निगम में 9 फरवरी को को प्रस्तावित बैठक टल गई. इसे देखते हुए मेयर सौम्या गुर्जर ने एक बार फिर से विधायक और जयपुर शहर सांसद सांसद को पत्र भेजने की बात कही है, ताकि विशेष बैठक 15 फरवरी से पहले बुलाई जा सके.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जयपुर नगर निगम ग्रेटर में 9 फरवरी प्रस्तावित बजट पारित करने के लिए साधारण सभा की बैठक टल गई हैं तो नगर निगम हैरिटेज में पार्षदों के विरोध के डर से इस बार भी शहरी सरकार का बजट सीधा राज्य सरकार के पास भेजने की तैयारी कर ली हैं. नगर निगम ग्रेटर की मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर ने 9 फरवरी को बजट बैठक बुलाने का प्रस्ताव तैयार किया था. इस बैठक के लिए मेयर ने शहर के सभी सांसदों और विधायकों को 30 जनवरी को पत्र लिखकर बैठक के लिए अनुमति मांगी. जयपुर ग्रामीण सांसद राज्यवर्धन राठौड़ ने तो बैठक बुलाने की अनुमति दे दी लेकिन जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा ने लोकसभा सत्र खत्म होने के बाद बैठक बुलाने की बात कही. 


सांसद बोहरा के इस निर्णय के बाद अब 9 फरवरी को प्रस्तावित बैठक टल गई, क्योंकि नगर पालिका अधिनियम में प्रावधान है कि निकायों में साधारण सभा की बैठक बुलाने से पहले उस निकाय एरिया में आने वाली विधानसभा और लोकसभा के सदस्यों से अनुमति लेनी होती है. विधानसभा और लोकसभा का सत्र जब चलता है विधायकों से अनुमति मिलना जरूरी होता है. मेयर डॉक्टर सौम्या गुर्जर ने बताया की ग्रेटर नगर निगम में बजट सत्र की तैयारियां हो चुकी हैं. यदि बजट बोर्ड बैठक होती हैं तो अलग-अलग मद में आय-व्यय को ध्यान में रखते हुए और पिछले साल का भी पूरा मूल्यांकन करते हुए आगामी बजट रखा इसके लिए सुझाव भी लिए गए हैं. कुछ वार्डों में खेल के ग्राउंड और ई-लाइब्रेरी की भी मांग हो रही है. उस आधार पर बजट को डिवाइड करते हुए पेश किया जाएगा.


शहरी सरकार का बजट बोर्ड बैठक के लिए जयपुर शहर सांसद से जवाब मिलने के बाद मेयर सौम्या गुर्जर ने कहा कि वे दोबारा एक प्रस्ताव बनाकर सभी सांसदों और विधायकों को भिजवाएंगी. इस प्रस्ताव में विशेष बैठक बुलाने की अनुमति मांगी जाएगी. ताकि 15 फरवरी से पहले बैठक बुलाई जा सके. स्वायत्त शासन विभाग ने प्रदेश की सभी नगर पालिकाओं, नगर परिषदों और नगर निगमों को आदेश जारी किया है. इसमें सभी निकायों को अपना-अपना बजट पास करके सरकार को 15 फरवरी तक भिजवाने के लिए कहा गया है. पिछले साल 2021-22 में नगर निगम ग्रेटर में मेयर के पद पर विवाद के चलते साधारण सभा नहीं बुला सके थे.


1 फरवरी तक कार्यवाहक मेयर के तौर शील धाबाई कुर्सी पर थी लेकिन 2 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सौम्या गुर्जर ने वापस मेयर की कुर्सी संभाली थी. इस कारण बजट प्रस्ताव को सदन में न रखकर सीधे सरकार को कमिश्नर के जरिए भिजवाया गया था.उस समय नगर निगम ग्रेटर से 889 करोड़ के बजट को वित्त समिति चेयरमैन और मेयर की मंजूरी के बाद भिजवाया था.


ये भी पढ़ें- Mahesh Joshi Exclusive: कैबिनेट मंत्री महेश जोशी ने बजट से पहले किया बड़ा खुलासा, कहा- CM गहलोत दिल खोलकर पेश करेंगे बजट


वहीं पिछले 9 महीनों (अप्रैल 2022 से दिसंबर 2022 तक) में ग्रेटर निगम को 117.35 करोड़ रुपए की कुल आय हुई. ऐसे में संभावना है कि इस बार बजट 1 हजार करोड़ रुपए से ऊपर का हो सकता है. उधर नगर निगम हैरिटेज में वर्किंग कमेटियों का गठन नहीं होने की वजह से यहां बैठक कराने के लिए महापौर इच्छुक नजर नहीं आ रही हैं. अगर यहां बैठक होती है तो हंगामा होने की पूरी संभावना है.


बहरहाल, नगर निगम हैरिटेज में तो तय है की इस बार भी बजट इस बार सदन में न रखकर सीधे मंजूरी के लिए सरकार को भिजवाया जाएगा. उधर ग्रेटर नगर निगम की मुखिया तो बोर्ड से बजट पारित करवाकर राज्य सरकार को भिजवाने की कोशिश में हैं. लेकिन सांसद और विधायकों की सहमति नहीं मिलने से कोशिश फेल होती नजर आ रही हैं.