राजस्थान के 12 हजार सरकारी स्कूलों पर उप प्राचार्यों के पदों पर होने वाली पदोन्नति का विरोध जारी, जयपुर में बड़े आंदोलन की चेतावनी
Jaipur News: राजस्थान में एक बार फिर से उप प्राचार्यों के पदों पर होने वाली पदोन्नति का मामला तूल पकड़ता दिख रहा है. 12 हजार से आधिक सरकारी स्कूलों से जुड़ा हुआ यह मामला है. अब सीधी भर्ती संघर्ष समिति ने इस मामले कोलेकर कड़ा रुख दिखाते हुए 25 नवंबर से जयपुर में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है.
Jaipur News: प्रदेश के करीब 12 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूलों में उप प्राचार्य पदों पर होने वाली नियुक्ति में पदोन्नति का विरोध लगातार जारी है, शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों में उप प्राचार्य पदों पर होने वाली नियुक्ति को पूरी तरह से पदोन्नति के आधार पर किए जाने के फैसले का विरोध पिछले करीब 9 महीनों से देखने को मिल रहा है. पिछले दिनों सरकार की ओर से पदों को भरने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से सुझाव मांगे गए थे.
जिसके बाद लाखों सुझाव शिक्षा विभाग को प्राप्त हुए हैं, लेकिन सुझावों पर कमेटी के फैसले से पहले ही उप प्राचार्य के पदों पर डीपीसी की अस्थाई वरियता सूची जारी होने के बाद एक बार फिर से प्रदेश के लाखों शिक्षकों में आक्रोश है. अस्थाई वरियता सूची जारी होने के बाद शिक्षकों ने फिर से 25 नवंबर को जयपुर में एक बड़े आंदोलन चेतावनी दे डाली है.
गौरतलब है कि सरकारी स्कूलों में सरकार की ओर से उप प्राचार्य का पद सृजित किया गया है,और इन पदों पर व्याख्याता वर्ग से पदोन्नति के आधार पर शत प्रतिशत पदोन्नति का नियम रखा गया है. जिसका विरोध प्रदेश के लाखों शिक्षकों द्वारा देखने को मिला. थर्ड ग्रेड,सैकेंड ग्रेड और निजी स्कूलों में कार्यरत लाखों शिक्षकों द्वारा 50 फीसदी पदों पर पदोन्नति और 50 फीसदी पदों पर भर्ती प्रक्रिया के तहत पद भरने की मांग की गई थी.
जिसके बाद शिक्षा विभाग की ओर से उप प्राचार्य पदों पर भर्ती को लेकर सुझाव मांगे गए थे,,लेकिन करीब तीन दिन पहले विभाग की ओर से सुझावों का निस्तारण होने से पहले करीब 31 हजार से ज्यादा व्याख्याताओं की डीपीसी के लिए अस्थाई वरियता सूची जारी की गई है. साथ ही 27 नवम्बर तक आपत्तियां भी मांगी गईं हैं,आपत्तियों के बाद करीब 10 हजार व्याख्याताओं की स्थाई वरियता सूची जारी होनी है.
सीधी भर्ती संघर्ष समिति अध्यक्ष राधामोहन मीणा और कोषाध्यक्ष लव शर्मा ने बताया कि "सरकार ने जब सभी पदों पर पदोन्नति से भरने का फैसला दिया था तभी से हमारा विरोध जारी है. इसके बाद सरकार की ओर से शिक्षकों से सुझाव भी मांगे गए, लेकिन इन सुझावों का निस्तारण होने से पहले ही विभाग की ओर से पदोन्नति के लिए डीपीसी के तहत अस्थाई वरियता सूची जारी कर दी गई है.जो लाखों शिक्षकों के साथ धोखा है, सरकार के इस आदेश के खिलाफ 25 नवंबर को शहीद स्मारक पर विशाल प्रदर्शन करते हुए एक बार फिर से हमारे आंदोलन का आगाज किया जाएगा.
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