पदोन्नति के नये नियमों का विरोध, जयपुर में शिक्षकों ने आंदोलन किया शुरू
वरिष्ठ अध्यापकों के पदोन्नति नियमों में किए गए बदलाव का विरोध अब तेज होने लगा है. नये नियमों के तहत सेवारत वरिष्ठ अध्यापकों द्वारा यूजी और पीजी अलग-अलग विषय से होने पर पदोन्नति का लाभ नहीं मिलने वाले नियम के विरोध में वरिष्ठ अध्यापकों ने आज से जयपुर में अनिश्चितकालीन आंदोलन की शुरूआत कर दी है.
Jaipur: वरिष्ठ अध्यापकों के पदोन्नति नियमों में किए गए बदलाव का विरोध अब तेज होने लगा है. नये नियमों के तहत सेवारत वरिष्ठ अध्यापकों द्वारा यूजी और पीजी अलग-अलग विषय से होने पर पदोन्नति का लाभ नहीं मिलने वाले नियम के विरोध में वरिष्ठ अध्यापकों ने आज से जयपुर में अनिश्चितकालीन आंदोलन की शुरूआत कर दी है. आज पहले दिन जहां शहीद स्मारक पर बड़ी संख्या में वरिष्ठ अध्यापकों ने एकत्रित होकर अपना विरोध जताया. वहीं, कल से शिक्षा संकुल में अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी दी गई है.
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गौरतलब है कि सरकार की ओर से 3 अगस्त 2021 को पदोन्नति में नया नियम लागू करते हुए 50 फीसदी पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया में सिर्फ उन्हीं शिक्षकों को शामिल करने का फैसला लिया गया जिन शिक्षकों ने यूजी और पीजी एक ही विषय से की है. जबकि प्रदेश के करीब सवा लाख से ज्यादा ऐसे वरिष्ठ अध्यापक हैं जिनकी यूजी अन्य विषय से और पीजी अन्य विषय से है. सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले शिक्षक इनमें विज्ञान और कॉमर्स विषय से यूजी किए हुए हैं शिक्षक हैं जिन्होंने पीजी कला वर्ग से की गई. ऐसे में शिक्षकों ने मांग की है कि 3 अगस्त 2021 को लागू इस नियम से पहले जिन शिक्षकों ने यूजी और पीजी अन्य विषय से की है उनको नये नियम से राहत दी जाए.
शिक्षकों ने आरोप लगाते हुए कहा कि "जब नियम 2021 में लागू किया गया तो कोई भी आदेश भूत लक्षी प्रभाव से लागू नहीं होना चाहिए. आने वाली भर्तियों पर इसको लागू करना चाहिए. क्यूंकि इस आदेश के चलते साल 2012-13 की जो डीपीसी हुई है उसमें से करीब 10 हजार वरिष्ठ अध्यापक पदोन्नति की प्रक्रिया से बाहर हो गए हैं. जबकि आने वाले तीन डीपीसी में करीब 1 लाख वरिष्ठ अध्यापक डीपीसी की प्रक्रिया से बाहर हो जाएंगे,,ऐसे में प्रदेश के वरिष्ठ अध्यापक नये नियम का विरोध नहीं कर रहे हैं. बस शिक्षकों की मांग है कि ये इस नियम से 3 अगस्त 2021 से पहले लगे शिक्षकों को बाहर रखा जाए, क्यूंकि अगर वरिष्ठ अध्यापकों की पदोन्नति नहीं होगी तो वो एक ही पद से सेवानिवृत्त हो जाएंगे इसके साथ ही वरिष्ठ अध्यापकों की पदोन्नति नहीं होने से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के पदोन्नति के रास्ते भी बंद हो जाएंगे. क्यूंकि अगर वरिष्ठ अध्यापक का पद पदोन्नति से खाली नहीं होगा तो तृतीय श्रेणी शिक्षकों को भी पदोन्नति का लाभ नहीं मिल पाएगा. ऐसे में सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द आदेश लागू कर प्रदेश के करीब सवा लाख शिक्षकों को राहत दी जाए."