राजस्थान में गहलोत सरकार ने रचा इतिहास, किसानों के लिए खोली तिजोरियां
Ashok Gehlot to Farmers : राजस्थान में चुनावी साल में किसानों तक राहत पहुंचाने के लिए गहलोत सरकार ने ऐतिहासिक रिकार्ड अपने नाम दर्ज किया है. राजस्थान के इतिहास में अब तक का सबसे अधिक ब्याज मुक्त ऋण बांटा है.
Ashok Gehlot to Farmers : राजस्थान की गहलोत सरकार ने चुनावी साल में किसानों को ऋण बांटने में नया रिकार्ड बनाया है. प्रदेश के इतिहास में इस वित्तीय वर्ष में सबसे ज्यादा ऋण बांटने में अशोक गहलोत सरकार कामियाब रही है, क्या चुनाव में राहत के रिकार्ड का फायदा सरकार को मिलेगा.
इस साल 29 लाख किसानों को ऋण बांटा
जब-जब चुनाव नजदीक आता है, तब-तब देश में सरकारों की किसानों पर पैनी नजर टिकी हुई दिखाई देती है. क्योंकि चुनावों में राजनीतिक पार्टियों के लिए सबसे बडा वोटबैंक अन्नदाता ही होता है. मरूधरा में चुनावी साल में किसानों तक राहत पहुंचाने के लिए गहलोत सरकार ने ऐतिहासिक रिकार्ड अपने नाम दर्ज किया है. राजस्थान के इतिहास में अब तक का सबसे अधिक ब्याज मुक्त ऋण बांटा है. इस वित्तीय वर्ष में 19347 करोड़ से ज्यादा का ऋण बांटकर गहलोत सरकार ने वो कर दिखाया जो,आज तक कि राजस्थान की कोई भी सरकार नहीं कर पाई.गहलोत सरकार ने चुनावी साल में राहत का रिकार्ड बनाकर 29 लाख किसानों को ब्याजमुक्त फसली ऋण बांटा.
गहलोत सरकार ने 63,670.96 करोड़ का ऋण बांटा
2018 में राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार बनी.उस वित्तीय वर्ष में दिसंबर 2018 से मार्च 2019 तक 1445.57 करोड का ऋण बंटा.उसके बाद ऋण वितरण में तेजी आई.2019-20 में 9541.02 करोड ऋण बांटकर सरकार ने अगले साल ऋण वितरण का लक्ष्य बढाया.2020-21 में 15235.38 करोड का ऋण बांटा.पिछले वित्तीय वर्ष में 18101.68 करोड और इस वित्तीय वर्ष में अब तक 19347.47 करोड से ज्यादा का ऋण वितरित कर सरकार ने नया रिकार्ड बना दिया.गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल में अब तक 63,670.96 करोड का ऋण बांटा,ये अपने आप में नया रिकार्ड है.
राहत को वोटो में तब्दील करने की कोशिश रहेगी
सरकार ने चुनावी साल में किसानों के लिए राहत का रिकार्ड जरूर बनाया है,लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि इस राहत को सरकार वोटो में तब्दील करने में कोई कसर नहीं छोडेगी.क्योकि राजस्थान में किसान सबसे बडा वोंट बैक माना जाता है.ऐसे में देखना होगा कि किसानों की कांग्रेस सरकार की राहत का असर वोट बैंक पर कितना पडता है.
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