Rajasthan News : राजस्थान बीजेपी में अब संगठन को चुनावी तस्वीर दी जा रही है. गुलाबचंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाने से नेता प्रतिपक्ष का पद खाली हुआ है. पीएम मोदी और अमित शाह की जोड़ी अब नेता प्रतिपक्ष से लेकर संगठन स्तर के कई और बदलाव भी कर सकती है. बीजेपी आलाकमान ने प्रदेश के चुनावी रण की कमान अपने हाथों में ले ली है. प्रधानमंत्री मोदी 15 दिन में दो बार राजस्थान का दौरा कर चुके हैं. पीएम की भीलवाड़ा और दौसा में रैली के बाद अब गृहमंत्री अमित शाह भरतपुर आ रहे है. लेकिन इन सबके बीच बड़ा सवाल ये है कि अब नेता प्रतिपक्ष का पद किसे मिलेगा. क्योंकि इसी नियुक्ति से प्रदेश भाजपा की अगली तस्वीर स्पष्ट हो पाएगी.


बीजेपी नेता कालीचरण सराफ


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विधानसभा में सत्ता पक्ष को घेरने के लिए नेता प्रतिपक्ष का पद काफी अहम होता है. इसके लिए संसदीय कार्यों का लंबा अनुभव और जानकारी होना जरुरी है. सियासी गलियारों में कालीचरण सराफ का नाम भी चर्चाओं में है. वो जयपुर की मालवीय नगर सीट से विधायक है. वसुंधरा राजे सरकार में वो चिकित्सा मंत्री थे. राजस्थान यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष बनकर अपना सियासी करियर शुरु किया था. 1990 में पहली बार विधायक बने थे. उसके बाद अब तक 1998 को छोड़कर वो सारे चुनाव जीते है. पहली बार जोहरी बाजार से विधायक बने थे. वो बेहतर वक्ता होने के साथ साथ संसदीय कार्यों का भी अच्छा अनुभव रखते है.


पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी


वसुंधरा राजे सरकार में शिक्षा मंत्री रहे वासुदेव देवनानी का नाम भी राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रुप में देखा जा रहा है. वो पिछले 15 सालों से अजमेर उत्तर सीट से विधायक है. वसुंधरा राजे के दोनों कार्यकाल में वो मंत्री रहे. एबीवीपी के 9 साल तक अध्यक्ष रहे. संघ के करीबी देवनानी सदन में कामकाज का भी अच्छा अनुभव रखते है. सत्ता में रहते हुए मंत्री के रुप में भी अनुभव है. ऐसे में विपक्ष की मजबूत भूमिका भी निभा सकते है.  


बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया


सतीश पूनिया को भी नेता प्रतिपक्ष पद का दावेदार माना जा रहा है. विधानसभा में बजट पर रिप्लाई भी सतीश पूनिया ने ही दिया. जबकि नेता प्रतिपक्ष की उपस्थिति में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को ये जिम्मा संभालना था. लेकिन पूनिया ने करीब एक घंटे तक विधानसभा में बजट पर अपनी बात रखी. वर्तमान में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष है. वो आमेर से पहली बार विधायक है. ऐसे में उनका संसदीय अनुभव तो कम है. लेकिन आलाकमान नई पीढ़ी के तौर पर उनको आगे बढ़ा सकता है.


क्या राजेंद्र राठौड़ बनेंगे नेता प्रतिपक्ष


राजस्थान में राजेंद्र राठौड़ की गिनती सबसे बेहतर पार्लियामेंट्रीयन के रूप में होती है. वो 35 सालों से विधानसभा सदस्य है. 6 बार से वो चूरू से विधायक है. एक बार चूरू की तारानगर सीट से विधायक बने थे. इस समय वो उपनेता प्रतिपक्ष है. अशोक गहलोत सरकार को घेरने में हमेशा वो आगे रहते है. इस लिहाज से वो इस पद के सबसे प्रबल दावेदार बताए जा रहे है.