Jaipur: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान पहुंचने से पहले अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्र नरेंद्र मोदी से मांग की है कि उनके राजस्थान मॉडल को अगर सीएम मोदी ने लागू किया तो देश की जनता को काफी फायदा होगा. गहलोत ने कहा कि वर्तमान में राजस्थान में जो योजनाएं चल रही हैं वो सिर्फ प्रचार नहीं है, लोगों के हितों को ध्यान में रख कर तैयार की गई हैं.


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देश में कांग्रेस के लिए राजस्थान में गहलोत सरकार का मॉडल से देश भर के लिए एक नजीर बनता जा रहा है. हाल ही में गुजरात के कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में जिस तरीके से अशोक गहलोत की योजनाओं की छाप दिखाई दी थी, हिमाचल के चुनाव प्रचार में ओल्ड पेंशन स्कीम जैसी योजना एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनी, कि देश के अन्य राज्यों में भी अशोक गहलोत के स्कीम्स का उदाहरण दिया जाता है.


यही कारण है कि अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने इस राजस्थान मॉडल को केंद्र सरकार के समक्ष एक चुनौती के तौर पर पेश करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि उनकी वेलफेयर स्कीम को देश भर में लागू करें. अपनी चुनावी सभाओं और पब्लिक मीटिंग में भी अशोक गहलोत से इन योजनाओं के बारे में खुलकर बात कर रहे हैं.


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने PM से जो आग्रह किया है उसमें ओल्ड पेंशन स्कीम, चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना और उड़ान योजना शामिल हैं. गहलोत ने पीएम से आग्रह किया है कि इन्हें देशभर में लागू करें ताकि आमजन को आर्थिक और सामाजिक संबल मिल सके.


गहलोत ने प्रधानमंत्री से पेंशन पॉलिसी बनाने का भी आग्रह किया है. लगभग 1.25 लाख प्रक्रियाधीन हैं और 1 लाख और देने की घोषणा की गई है. ऐसे में रोजगार देने में राजस्थान पूरे देश में अग्रणी राज्य बन गया है. राज्य सरकार की योजनाओं की पूरे देश में चर्चा है. युवाओं को राजकीय और निजी क्षेत्र में रोजगार प्रदान कराना हमारी प्राथमिकता में है. हाल ही इन्वेस्ट राजस्थान में 11 लाख करोड़ रुपये के एमओयू हुए हैं, जिनसे राज्य में 10 लाख से अधिक रोजगार सृजित होगे. सरकार द्वारा अभी राजकीय क्षेत्र में 1.35 लाख नौकरियां दी जा चुकी हैं.


अशोक गहलोत की रणनीति बिलकुल साफ है. राजस्थान में चार दिसंबर से राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा प्रवेश कर रही है. यात्रा के दौरान सरकार इन योजनाओं पर खासी चर्चा होने वाली है. मुख्यमंत्री चाहते हैं कि इन योजनाओं के जरिए ऐसा माहौल बने कि ना केवल राजस्थान में मिशन 2023 को हासिल किया जाए बल्कि 2024 में केंद्र सरकार के समक्ष मजबूत विपक्ष के रूप में कांग्रेस चुनावी मैदान में उतरे. ताकि कांग्रेस के घोषणा पत्र में शामिल कर जनता के समक्ष बेहतर विकल्प भी उपलब्ध कराया जाए सके.


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