Rajasthan politics: बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न सम्मान की घोषणा के साथ सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने आडवाणी को भारत रत्न देने पर सवाल उठाया.


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वहीं, प्रदेश के बीजेपी के नेताओं ने उनके बयान पर तीखा हमला बोला. पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने X पर, बीजेपी नेता नारायण पंचारिया, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी और कैबिनेट मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बयान दे कर रंधावा को इतिहास याद दिलाया. उन्होंने कहा कि नेहरू, इंदिरा गांधी और प्रणव मुखर्जी के इतिहास को कैसे भूल गए?


केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा की है. आडवाणी को भारत रत्न देने पर भाजपा प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सवाल उठाते हुए कहा कि, भारत रत्न मृत व्यक्तियों को दिया जाता है?


 



रंधावा के इस बयान पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा पर जो विवादित टिप्पणी की है, वो अत्यन्त दुर्भाग्यजनक और शर्मनाक है. राठौड़ ने रंधावा पूछा कि, जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए स्वयं को ही भारत रत्न से सम्मानित करने का जो अनूठा कीर्तिमान रचा था, तब तो वे जीवित थे ना ? क्या इसमें कोई संदेह है आपको ? आप नेहरू और इंदिरा गांधी के इतिहास को कैसे भूल गये ? खुद को खुद कीओर से ही भारत रत्न देना कांग्रेस राज में ही संभव था जो अब समाप्त हो गया है. देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ''भारत रत्न'' को लेकर ऐसी टिप्पणी कांग्रेस पार्टी के गिरते स्तर और घटिया मानसिकता को प्रदर्शित करती है .


इतिहास कैसे भूल गए ?


पूर्व राज्यसभा सांसद और बीजेपी के वरिष्ठ नेता नारायण पंचारिया ने कहा कि जहां तक कांग्रेसी अभी तक भी अपनी हार से उबरे नहीं है. राजस्थान में नहीं बल्कि देश की जनता ने उन्हें नकार दिया. कांग्रेस के नेताओं को अपना ज्ञानवर्धन कर लेना चाहिए, इतिहास उठाकर देख लेना चाहिए , भारत रत्न किसको दिया जाता है ? उन्हें पता नही है क्या .


 ऐसे लोगों को तरस आता है जो अपने आप को पार्टी के नेता बताते हैं , इससे पहले प्रणव मुखर्जी को सम्मानित किया गया, इसके अलावा पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी को भी सम्मानित किया गया. क्या इस इतिहास को भूल गए ? पंचारिया ने कहा कि उनकी इस तरह की सोच पर मन में तकलीफ होती, किस तरह बयान देते हैं.
बुद्धि पर तरस आता है -


पूर्व कैबिनेट मंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी को जिस प्रकार का योगदान रहा है, अलग-अलग पदों पर काम किया हैं, कई महत्वपूर्ण कामों में उन्होंने भूमिका निभाई है. ये तो हमारे लिए गौरव की बात होनी चाहिए है. 


चतुर्वेदी ने कहा कि किसी भी कानून में यह नहीं लिखा हुआ कि केवल मृत्यु व्यक्ति कोई भारत रत्न दिया जाए, इस तरह का बयान देना दुर्भाग्यपूर्ण है. 


उधर, यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि भारत रत्न का सम्मान सर्वश्रेष्ठ सम्मान है.1955 में जवाहरलाल नेहरू को भारत रत्न दिया गया, क्या नेहरू उस समय मर गए थे ? 


1971 में इंदिरा गांधी को भारत रत्न की उसे समय मृत्यु हो गई थी ? मृत व्यक्ति को ही भारत रत्न दिये जाने का प्रावधान नहीं है, कांग्रेस के बड़े नेताओं की इस प्रकार की सोच है, उनकी बुद्धि पर तरस आने के अलावा कुछ नहीं हो सकता.