बीजेपी में बागियों की घर वापसी! वसुंधरा के करीबी और विरोधी भाटी का फैसला खुद करेंगे मेघवाल
विधानसभा चुनाव के आते राजनीतिक पार्टियों में बागी और निष्कासित नेताओं के शामिल होने की चर्चा तेज हो चली है. इसी कड़ी में बीजेपी ने इसके लिए कमेटी भी गठित कर दी है.
जयपुर: विधानसभा चुनाव के आते राजनीतिक पार्टियों में बागी और निष्कासित नेताओं के शामिल होने की चर्चा तेज हो चली है. इसी कड़ी में बीजेपी ने इसके लिए कमेटी भी गठित कर दी है. कमेटी में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और पूर्व मंत्री और विधायक वासुदेव देवनानी को शामिल किया गया है.
यह कमेटी भाजपा छोड़कर जा चुके नेता फिर से पार्टी में वापसी की इच्छा रखते हैं उनके गुण-अवगुण के आधार पर फैसला लेगी. वहीं, भाजपा प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह ने कहा कि नेताओं की वापसी को लेकर कमेटी बना दी गई है. यह कमेटी नेताओं की वापसी पर फैसला करेगी.कमेटी की सिफारिश पर अंतिम निर्णय प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया लेंगे.
वहीं, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि पार्टी छोड़कर जाने वालों के लिए कोई बंदिशें नहीं हैं, लेकिन पार्टी में शामिल होने के लिए कई बंदिशें हैं. इसके लिए कमेटी पार्टी कार्यकर्ताओं और संभाग स्तरीय पदाधिकारियों से चर्चा के बाद आगे का फैसला करेगी.
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अर्जुन मेघवाल का भाटी ने किया था विरोध
पिछले लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को सांसद प्रत्याशी बनाए जाने पर देवी सिंह भाटी ने उनका जमकर विरोध किया था. भाटी ने मेघवाल को हराने के लिए पार्टी से बगावत तक कर ली थी. जिसके बाद पार्टी ने उन्हें भाजपा से निष्काषित कर दिया था. हालांकि, भाटी मेघवाल को चुनाव में पटखनी देने में असफल रहे थे, लेकिन दोनों के बीच स्थानीय स्तर पर वर्चस्व की लड़ाई अभी भी जारी है. ऐसे में भाटी के पार्टी ज्वॉइन करने का फैसला अर्जुनराम मेघवाल की कमेटी ही करेगी. भाजपा ने भी आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए सारी तैयारियां तेज कर दी है.
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भाटी की पार्टी में एंट्री की थी चर्चा
दरअसल, विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान भाजपा के कई नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी, लेकिन अब वे घर वापसी चाहते हैं. हाल ही में वसुंधरा राजे के बीकानेर दौरे के दौरान पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी की भाजपा में शामिल होने की चर्चा थी, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की हरी झंड़ी नहीं मिलने वजह से शामिल नहीं हो पाए.