Rajasthan Breaking News:राजस्थान की भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने संकल्प पत्र में राज्य के लिए नई तबादलाा नीती लाने का वादा किया था. प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद से इस पर काम भी शरू कर दिया,इस नीती को लेकर ड्रॉफ्ट भी तैयार किया गया, लेकिन ड्रॉफ्ट पर कैबिनेट द्वारा मंजूरी की मूहर नहीं लग पाई.


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जानकारी के मुताबिक नई तबादला नीति में विधायकों की डिजायर सिस्टम को शामिल नहीं किया गया,जिसको लेकर पेंच फास हुआ है.दरअसल, नई तबादला नीती में विधायकों की चाह है कि तबादलों में उनकी भी चले,जिसको लेकर विधायकों ने सीएम शर्मा के सामने बात भी रखी.



विधायकों की इस मंसा के बाद से इस तबादला नीती को लागू करना भजनलाल सरकार के लिए आसान नबीं है. सरकार जल्द ही सारी बधाओं को नष्ट करके,प्रदेश में नई तबादला नीती लागू करना चाहेगी.


आपको बता दें कि,नई तबादला नीती के ड्रॉफ्ट में कर्मचारी की नियुक्ति के बाद से 3 साल तक उनका तबादला नहीं होगा.वहीं हर कर्मचारी को अपने सेवा के दौरान दो सालों तक ग्रामीण क्षेत्रों में काम करना पड़ेगा. 



कर्मचारी के ट्रांसफर से पहले ऑनलाइन आवेदन की मांग की जाएगी.वहीं इस नीती के आने के बाद से अधिकारी-कर्मचारी अपने इच्छा से खाली पद के लिए ट्रांसफर आवेदन कर सकेंगे. राजस्थान में लगभग 30 साल से कर्मचारियों को लेकर नई तबादला नीति की मांग की जा रही है.



भाजपा सरकार ने इस पर काम किया और इसको लेकर ड्रॉफ्ट तैयार करवाया. इस तबादला नीती के अनुसार, सभी विभागों को दो कैटेगरी में बांटा गया है, पहला ए और दूसरा बी  कैटेगरी में बांटा गया.अगर किसी विभाग में 2000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं,उन्हें ए कैटेगरी में रखा गया है.वहीं 2000 से कम कार्मिक वाले विभाग को बी कैटेगरी में रखा गया है.


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