Rajasthan Crime News:जर्मन महिला पर्यटक के साथ रेप केस में दोषी घोषित उड़ीसा के पूर्व DGP के बेटे बिट्टी होत्रा उर्फ बिट्टी मोहंती को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने बिट्टी होत्रा उर्फ बिट्टी मोहंती की ओर से समय से पहले रिहाई की मांग को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया है. 


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बिट्टी होत्रा उर्फ बिट्टी मोहंती ने इस मामले में निचली अदालत द्वारा दी गयी कुल सात साल की सजा में से पांच साल की सजा भुगतने, चौथे स्टेज का कैंसर होने और उसका ईलाज कराने के आधार पर याचिका दायर की थी. बी टी होत्रा की इस याचिका का राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया.


बहस के बाद जस्टिस संजय करोल और जस्टिस अरविंद कुमार की वेकेशन बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया, लेकिन बिट्टी होत्रा उर्फ बिट्टी मोहंती द्वारा शेष सजा के लिए उड़ीसा की कटक जेल में ट्रांसफर करने के अनुरोध को स्वीकार किया.



राजस्थान सरकार के समक्ष करना होगा अनुरोध


सुप्रीम कोर्ट ने दोषी बिट्टी होत्रा उर्फ बिट्टी मोहंती की चिकित्सा स्थिति पर विचार करने के बाद ओडिशा के कटक सर्कल जेल में आत्मसमर्पण करने की अनुमति दी हैं. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को यह भी आदेश दिया है कि वह राजस्थान से ओडिशा जेल में स्थानांतरण के लिए होत्रा के अनुरोध पर विचार करे. लेकिन राजस्थान सरकार द्वारा बिट्टी होत्रा उर्फ बिट्टी मोहंती के अनुरोध को खारिज करने पर उसे राजस्थान जेल में वापस लाया जाएगा.


जिला अदालत ने सुनाई थी 7 साल की सजा
गौरतलब है कि अलवर की जिला अदालत ने 20 मार्च, 2006 को जर्मन पर्यटक से दुष्कर्म करने के मामले में तत्कालीन आईपीएस अधिकारी के पुत्र बिट्टी होत्रा उर्फ बिट्टी मोहंती दोषी माना था. अदालत ने 12 अप्रैल, 2006 को फैसला सुनाते हुए मोहंती को 7 साल की कैद और 10 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई थी. निचली अदालत के फैसले को राजस्थान हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा था. जिसके बाद बिट्टी होत्रा उर्फ बिट्टी मोहंती ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी.



2 माह में सरेण्डर करने के आदेश


राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 4 अप्रैल 2024 को अपना फैसला सुनाते हुए बी टी होत्रा को दोषी माना. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने जिला अदालत के फैसले के अनुसार सजा पुरी करने के लिए 5 जून तक जेल में सरेण्डर करने के आदेश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट से होत्रा को 31 मार्च, 2017 को जमानत दी गई थी, जिसके चलते उसे शेष सजा भुगतने के लिए ही 5 जून, 2024 तक आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया.


क्या है गैस्ट्रोइसोफेजियल जंक्शन कैंसर
गैस्ट्रोइसोफेजियल जंक्शन एडेनोकार्सिनोमा ग्रासनली का एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है. वह नली जो मुंह और पेट को जोड़ती है गेस्ट्रोएसोफेगल (जीई) जंक्शन में शुरू होता है यहां पर कैंसर उन कोशिकाओं से बढ़ता है जो बलगम बनाती हैं. 


जीई जंक्शन कैंसर अन्नप्रणाली के अन्य कैंसर के समान है. अत्यधिक फल और सब्जिया खाने, गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग के चलते, बहुत अधिक मोटापे के चलते, धुए के कारण भी यह हो सकता है.


क्या है इसके संकेत
सीने में दबाव या जलन, बिना प्रयास किये वजन कम होना, निगलने या खाने में परेशानी, पीली त्वचा, थकान, सांस लेने में परेशानी और एनीमिया होना ये इस कैंसर के लक्षण है इसके साथ ही मरीज की आवाज कर्कश हो जाती है.


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