Rajasthan Police : राजस्थान पुलिस की क्राइम ब्रांच की ईमेल आईडी हैककर कई लोगों की कॉल डिटेल निकलवाने और 35 बैंक खातों को फ्रिज-अनफ्रीज करने का सामने आया है.ताज्जुब की बात है कि यह सारा काम महज 10वीं पास हैकर ने किया है. जिसने राजस्थान पुलिस की सुरक्षा में सेंधमारी करते हुए न केवल क्राइम ब्रांच की ईमेल आईडी हैक की बल्कि करीब 1 साल से उस ईमेल आईडी का प्रयोग करता रहा.


अन्य शहरों की डिटेक्टिव एजेंसियों को बेच दी


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 हैकर ने राजस्थान पुलिस की ऑफिशियल मेल आईडी का प्रयोग कर अलग-अलग टेलीकॉम कंपनियों से अलग-अलग लोगों की कॉल डिटेल व CDR निकलवा कर दिल्ली और अन्य शहरों की डिटेक्टिव एजेंसियों को बेच दी.


खाता फ्रिज क्यों किया गया है?


राजस्थान पुलिस को उनकी ईमेल आईडी हैक होने का पता तब चला जब 6 मार्च को सालासर निवासी शोएब ने राजस्थान पुलिस के साइबर क्राइम ऑफिस में पहुंचकर उसका खाता फ्रिज क्यों किया गया है? इसकी जानकारी चाही. इस पर जब राजस्थान पुलिस ने अपनी ईमेल आईडी खंगाली तो पता चला कि उससे कई सारे मेल भेजे गए हैं और कई मेल, स्पैम मेल और जंक मेल डिलीट किए गए हैं.


सिंगापुर का वीपीएन सर्वर इस्तेमाल किया जा रहा था


 इस पर आईटी डिपार्टमेंट के कमिश्नर को मेल भेज कर जानकारी मांगी गई तो पता चला कि बीते 1 साल से इस ईमेल आईडी के जरिए कई बैंक को मेल कर कई लोगों के खाते,मोबाइल नंबर सहित अन्य तरह की जानकारियां मांगी गई. यह बात भी सामने आई की ईमेल आईडी चलाने के लिए सिंगापुर का वीपीएन सर्वर इस्तेमाल किया जा रहा था.


पुलिस ने जब पड़ताल की तो यह पता चला कि पुलिस अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर और मोहर लगा कई अवैध नोटिस भी मेल के जरिए भेजे गए.जिसमें सालासर पुलिस स्टेशन और सांचोर पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई कुछ FIR का जिक्र भी किया गया. इसके बाद जयपुर कमिश्नरेट के साइबर थाने में FIR दर्ज करवाई गई और फिर FIR दर्ज होने के बाद उस फाइल को जांच के लिए पुलिस मुख्यालय की सीआईडी सीबी में तलब कर लिया गया.


जांच के दौरान उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद निवासी सौरभ साहू का नाम सामने आया. जिस पर राजस्थान पुलिस ने 50 हजार का इनाम घोषित किया. साथ ही आरोपी से संबंधित जानकारी दिल्ली पुलिस के साथ शेयर की इस पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने कार्रवाई करते हुए सौरभ साहू को गिरफ्तार कर लिया. जब आरोपी से दिल्ली पुलिस में पूछताछ की तो पता चला कि उसने लोगों के पर्सनल डाटा ईमेल आईडी के जरिए प्राप्त करके दो दर्जन से अधिक डिटेक्टिव एजेंसियों को महज 15–20 हजार रुपए में बेचे हैं.


 आरोपी के खिलाफ दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और ठाणे में कई प्रकरण दर्ज है और पूर्व में गिरफ्तार भी हो चुका है। दिल्ली पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर राजस्थान पुलिस के सुपुर्द किया है, जिससे अब पूछताछ की जा रही है. प्रकरण में सौरव झा के अलावा समरेश झा, संजय झा, महेंद्र और ऋषभ को भी गिरफ्तार किया गया है.वहीं, पुलिस ने सभी बैंक और टेलिकॉम कंपनियों से पिछले 1 साल का रिकॉर्ड मांगा है.ताकि पता चल सके कि आरोपियों ने अब तक क्या-क्या जानकारियां प्राप्त करके उन्हें आगे बेचने का काम किया है.


एडीजी क्राइम दिनेश एमएन के सुपरविजन में पूरे मामले की पड़ताल की जा रही है, और प्रकरण में अभी कई लोगों की गिरफ्तारी होना शेष है.आगामी तीन से चार दिनों में प्रकरण में कई और लोगों को गिरफ्तार करके राजस्थान पुलिस इस पूरे नेक्सस का बड़ा खुलासा कर सकती है.


रिपोर्टर-विनय पंत


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