Rajasthan Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव में पहली बार दी जा रही दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं को घर पर मतदान (पहली बार 'वोट फ्रॉम होम') दी जा रही हैं. लेकिन पहली बार 'वोट फ्रॉम होम' की सुविधा को लेकर पात्र मतदाताओं ने ज्यादा रूचि नहीं दिखाई हैं. अभी भी बूथ पर जाकर मतदान का क्रेज इन मतदाताओं में बरकरार है. राजस्थान में करीब 18 लाख दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं को घर पर मतदान का विकल्प दिया गया था.इनमें से केवल 64 हजार 700 ही मतदाताओं ने ही घर पर मतदान का विकल्प चुना है.


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होम वोटिंग का विकल्प


विधानसभा चुनाव में वोटिंग प्रतिशत बढाने के लिए चुनाव आयोग ने पहली बार 80 साल या उससे ज्यादा उम्र और दिव्यांग (40 फीसदी से ज्यादा) को होम वोटिंग का विकल्प दिया. लेकिन कुल पात्र वोटर्स में से 4 फीसदी से कम मतदाताओं ने होम वोटिंग का विकल्प चुना. अधिकतर पात्र मतदाताओं ने मतदान केंद्र पर जाकर वोट कास्ट करने की इच्छा जताई. निर्वाचन विभाग के आंकडों के मुताबिक राजस्थान में इसके लिए 4 फीसदी वोटर्स भी तैयार नहीं हुए. ऐसे में अब 14 से 21 नवंबर तक जो वोट डाले जाएंगे. उसमें प्रदेशभर से कुल 64 हजार 700 ही मतदाता ऐसे है, जो घर बैठे वोट देंगे. 


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ये इन कैटेगिरी के कुल वोटर्स की संख्या का 3.75 फीसदी ही है..दरअसल केन्द्रीय निर्वाचन आयोग ने वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने और बुजुर्ग, दिव्यांगों की समस्या को देखते हुए पहली बार होम वोटिंग की सुविधा शुरू की थी. इसके लिए 20 अक्टूबर से घर-घर 12-डी फार्म बांटे थे. इस दौरान होम वोटिंग का ऑप्शन चुनने वाले इन वोटर्स से 12-डी फार्म भरवाए गए..पूरे प्रदेश में 16 दिन के अंदर कुल 64 हजार 700 वोटर्स ने भी फार्म 12-डी भरकर अपने बीएलओ को दिए. निर्वाचन आयोग राजस्थान के मुताबिक पूरे प्रदेश में 80 प्लस और दिव्यांग वोटर्स की संख्या 17 लाख 32 हजार 391 के करीब है. इसमें 11 लाख 72 हजार वोटर्स बुजुर्ग है, जबकि 5 लाख 60 हजार 384 दिव्यांग हैं.


34 हजार दिव्यांग मतदाता
जयपुर जिले की 19 विधानसभा सीटों की बात करें तो जयपुर में 95 हजार 672 बुजुर्ग और 33 हजार दिव्यांग मतदाता होम वोटिंग को ना कहकर ब​ल्कि मतदान केंद्र पर ही जाकर ही वोटिंग करने की इच्छा जताई हैं. जयपुर की 19 विधानसभा सीटो पर 80 से अ​धिक उम्र के एक लाख दो हजार और 34 हजार दिव्यांग मतदाता है. जिनमें से 902 दिव्यांग वोटर्स ने 12-डी फार्म भरकर होम वोटिंग की सुविधा लेने की इच्छा जताई है, जबकि 6328 बुजुर्ग वोटर्स ने होम वोटिंग का विकल्प चुना है. अब जिला निर्वाचन ने होम वोटिंग की तैयारी शुरू कर दी है. 


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जिला निर्वाचन अधिकारी प्रकाश राजपुरोहित ने बताया की होम वोटिंग के लिए 205 पोलिंग पार्टियों का गठन किया गया हैं. इसके साथ ही 44 रिवर्ज पोलिंग पार्टी भी रखी हैं. सूची तैयार करने के बाद पोलिंग पार्टियां 14 से 21 नवंबर तक इन मतदाताओं के घर जाएंगी. वहां उनको बैलेट पेपर देकर वोट डलवाएगी. वोट डालने के बाद मौके पर ही बैलेट पेपर मतपेटी में डलवाया जाएगा. इस पूरी प्रक्रिया की वीडियो ग्राफी करवाई जाएगी. वोट देने की प्रक्रिया दो चरण में होगी. पहले चरण में 14 से 19 नवंबर तक पोलिंग पार्टियां वोटरों के घर जाएगी. 


इस बीच कोई वोटर घर पर नहीं मिलता है तो उसके यहां दूसरा राउंड 20 से 21 नवंबर तक लगाया जाएगा. मतदान दल के पोलिंग ऑफिसर संबंधित विधानसभा क्षेत्र का निवासी नहीं होगा. टीम में माइको ऑब्जर्वर, पीआरओ, पीओ-2, पुलिसकर्मी तथा वीडियोग्राफर की टीम होगी.जिस वाहन से टीम होम वोटिंग के लिए जाएगी. उसमें जीपीएस भी लगा होगा. इससे पता चलेगा टीम कब और कहां थी, किस रूट से गई.


अनिवार्य सेवाओं के कार्मिकों के लिए पोस्टल बैलेट सुविधा


कोई मतदाता मतदान से वंचित नहीं रहे. के ध्येय के साथ निर्वाचन प्रक्रिया में जुटे भारत निर्वाचन आयोग ने इस बार होम वोटिंग और अनिवार्य सेवाओं के कार्मिकों के लिए पोस्टल बैलेट सुविधा प्रदान की है. जिन पात्र मतदाताओं ने होम वोटिंग के लिए अप्लाई किया है. अहम बात यह है कि मतदाता सूची में घर से वोट करने के लिए पीबी मार्क किया जा रहा है. इसके बाद इनमें से कोई मतदाता चाहकर भी मतदान केन्द्र से वोट का उपयोग नहीं कर पाएगा. इसमें मतदाता किसी कारण से घर से वोट नहीं दे पाया तब भी वह मतदान केन्द्र से वोट नहीं कर पाएगा.