Rajasthan Election 2023: राजस्थान में चुनाव जैसे- जैसे नजदीक आ रहे हैं सियासत अपना असली रंग रूप दिखाने लगा है. दावेदारी पेश करने नजदीकी ही धुर विरोधी बनकर चित करने की गोटी सेट करने में जुट गये हैं. मुख्यमंत्री गहलोत के नजदीकी मंत्री महेश जोशी की इस बार हवामहल की बादशाहत को चुनौती देने के लिए कई योद्धा मैदान में कूद पड़े हैं.


हवामहल की बादशाहत को चुनौती


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हवामहल से विधायक और जलदाय मन्त्री महेश जोशी ने एक बार फिर यहीं से कांग्रेस टिकिट पर अपनी दावेदारी जताई है. हालांकि इस मामले का एक रोचक पहलू यह भी है कि इसी सीट से महेश जोशी के पुत्र रोहित जोशी ने भी कांग्रेस का टिकिट मांगा है. रविवार को पीईसी के प्रतिनिधियों से मिलने के लिए दोनों पिता-पुत्र अलग-अलग पहुंचे.


पिता-पुत्र अलग-अलग पहुंचे


हालांकि सवाल यह है कि क्या पिता अपने पुत्र को राजनीति में आगे बढ़ा रहे हैं या फिर पुत्र अपने पिता के टिकिट को चुनौदी देने के लिए दावेदारी जता रहे हैं. जोशी ने कहा कि उन्होंने ना तो रोहित को टिकिट के लिए दावेदारी जताने को कहा ना ही दावेदारी जताने से पहले पुत्र ने उनसे बात की.


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हालांकि कई नेताओं और अपने पुत्र की दावेदारी के बीच भी महेश जोशी खुद को ही जिताऊ प्रत्याशी बताते हैं. इस बीच एक आशंका यह भी है कि 25 सितम्बर की घटना के बाद से ही कांग्रेस की कमेटियों में शुमार नहीं हो सके जोशी का टिकिट भी कट सकता है. पूर्व मंत्री बृजकिशोर शर्मा से लेकर पूर्व मेयर ज्योति खंडेलवाल तक ने अपनी दावेदारी पेश की है. अब सवाल है कि क्या पिता–पुत्र आपस में हैं एक दूसरे के कंपीटीटर है या पिता अपने पुत्र को आगे बढ़ा रहे हैं.