Rajasthan Election 2023: राजस्थान में विधानसभा (Rajasthan Election 2023) चुनावों को लेकर चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. इस बार अबूझ सावे देवउठनी एकादशी पर शहनाई की गूंज के बीच लोकतंत्र का पर्व मनाया जाएगा.


राजस्थान में 200 सीटों पर 23 नवंबर को वोटिंग


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राजस्थान में 200 विधानसभा सीटों पर आगामी 23 नवंबर को वोटिंग और 3 दिसंबर को मतगणना होगी. जयपुर में भी 19 विधानसभा सीटों पर चुनाव करवाने के लिए जयपुर जिला निर्वाचन शाखा से जुडे़ अधिकारी-कर्मचारी एक्टिव हो गए हैं.


राजस्थान में आदर्श आचार संहिता लागू


जयपुर की 19 विधानसभा क्षेत्रों में 4 हजार 589 मतदान केंद्रों पर 50 लाख 47 हजार 219 मतदाता प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे लेकिन चुनाव की घोषणा की 23 नवंबर की तारीख ने जिला निर्वाचन से जुडे़ अधिकारियों की मतदान प्रतिशत को लेकर चिंता बढ़ा दी हैं.


निर्वाचन अधिकारी-कर्मचारी हुए एक्टिव


23 नवंबर को वोटिंग के दिन फ्री एंड फेयर इलेक्शन के साथ में प्रशासन के सामने देवउठनी एकादशी के अबूझ सावे पर मतदान प्रतिशत इफेक्ट ना हो इसको लेकर प्लानिंग करनी होगी क्योंकि 5 माह के लंबे अंतराल के बाद देवउठनी एकादशी का पहला बड़ा सावा है. इस दिन प्रदेशभर में बडी संख्या में शादियां होगी जो मतदान को इफेक्ट कर सकती हैं.


शादी- समारोह के आयोजन से जुड़ी लेबर और अन्य लोग एक से दूसरी जगह जाएंगे, ऐसे में वो मतदान कैसे कर पाएंगे. जिला निर्वाचन अधिकारी प्रकाश राजपुरोहित ने बताया की आचार संहिता को प्रभावित करने वाले सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रचार करने वाले होर्डिंग्स हटाने का काम शुरू किया गया हैं.


पोस्टर-बैनर हटाने का काम शुरू


आचार संहिता की पालना के लिए हाथों हाथ ही जिला निर्वाचन अधिकारी प्रकाश राजपुरोहित ने रिटनिंग अधिकारियों की बैठक ली और साफ शब्दों में कहा कि आचार संहिता की पालना के लिए तत्काल काम शुरू कर दें. तय निर्देश के तहत 24 घंटे, 48 घंटे और 72 घंटे में निर्धारित कार्य कर पालना रिपोर्ट भेजने को कहा.


राजपुरोहित ने बताया की चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार जिले के सभी रिटर्निंग अधिकारी और विभागीय अधिकारी आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 24 घंटे के भीतर सभी विभागीय कार्यालयों व वेबसाइट पर प्रदर्शित जनप्रतिनिधियों के फोटो, बैनर, पोस्टर, होर्डिंग हटाएंगे. इसकी जानकारी से भी जिला निर्वाचन कार्यालय को अवगत कराएंगे.जिले में 48 घंटों के भीतर सभी सार्वजनिक स्थलों जैसे- बस स्टैण्ड, चिकित्सालय, रेलवे स्टेशन, सड़कों के किनारे लगे राजनीतिक होर्डिग्स, बैनर हटवाकर सूचना जिला निर्वाचन अधिकारी को भेजेंगे.


 नये विकास कार्य व घोषणा अब नहीं होगें- राजपुरोहित 


इसके बाद 72 घंटों के अंदर-अंदर निजी भवनों पर लगे पोस्टर-बैनर हटवाने का काम शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों सहित पूरे जिले में किया जाएगा. चुनाव घोषणा के साथ ही जनप्रतिनिधियों की फोटो लगे पैकेट जैसे अन्नपूर्णा फूड पैकेट, स्कूलों में मिल्क पाउडर का वितरण नहीं किया जा सकेगा. साथ ही आचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी नया विकास कार्य शुरू नहीं किए जाने की हिदायत दी गई है.


राजपुरोहित ने बताया की निर्वाचन आयोग की ओर से लांच किए गए सी-विजिल एप के जरिए आचार संहिता उल्लंघन की लाइव जानकारी वीडियो के जरिए दे सकते हैं. चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष व पारदर्शी बनाए रखने और आचार संहिता के उल्लंघन को रोकने के लिए यह एप जारी किया गया है. कोई भी नागरिक आचार संहिता के उल्लंघन की लाइव शिकायत एप पर कर सकेगा.


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आचार संहिता के उल्लंघन को रोकने के लिए एप जारी


निर्वाचन से जुड़ी टीम को 100 मिनट के अंदर-अंदर उस शिकायत पर एक्शन लेना अनिवार्य है. इस बार राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार के लिए इस चुनाव में सिर्फ 45 दिन मिलेंगे. 2018 में 6 अक्टूबर को आचार संहिता लागू हुई थी और 7 दिसंबर को वोटिंग हुई थी. इस हिसाब से 2018 में प्रत्याशियों को प्रचार के लिए 62 दिन मिले थे लेकिन 9 अक्टूबर को आचार संहिता लगी है और 23 नवंबर को वोटिंग होने के कारण सिर्फ 45 दिन ही मिल रहे हैं.