Jhotwara Vidhansabha Seat: राजस्थान में चुनावी शंखनाद होते ही दोनों ही पार्टियों के नेता अपने-अपने क्षेत्र में अपना दमखम दिखाना शुरू कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी ने पहले लिस्ट जारी करके कई नेताओं  को पंख लगा दिया, तो कई नेताओं के सपनों पर पानी फेर दिया. ऐसे में कई सीटों पर चुनावी समीकरण बनते बिगड़ते नजर आ रहे हैं. भाजपा ने 41 प्रत्याशियों की लिस्ट में प्रदेश की सबसे बड़ी विधानसभा झोटवाड़ा से जयपुर ग्रामीण के सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह को प्रत्याशी बनाया है. झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा से पूर्व में दो बार राज्यपाल सिंह शेखावत विधायक बने सरकार में मंत्री बने. ऐसे में राजपाल सिंह शेखावत का झोटवाड़ा से टिकट कटने के बाद से ही उनके समर्थक लगातार कर्नल राज्यवर्धन सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.


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प्रदेश की सबसे बड़ी विधानसभा सीट झोटवाड़ा जयपुर ग्रामीण में आती है. 4 लाख 20 मतदाताओं वाली इस सीट से भाजपा के राजपाल सिंह शेखावत 2008 व  2013 में लगातार दो बार विधायक बने. 2018 में कांग्रेस के लालचंद कटारिया राजपाल सिंह को हरा कर यहां से जीत कर विधानसभा पहुंचे और राजस्थान में हारने वालों में सबसे अधिक वोट लेने वाले प्रत्याशी राज्यपाल सिंह शेखावत रहे. जाट राजपूत बाहुल्य सीट होने के चलते राजपाल सिंह शेखावत ने यहां से चौथी बार भी ताल ठोकने की प्लानिंग कर रखी थी. लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने जयपुर ग्रामीण संसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को झोटवाड़ा भेज कर राजपाल सिंह शेखावत के सारे समीकरण बिगाड़ दिए.


झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र जयपुर ग्रामीण में आती है. जबकि झोटवाड़ा खुद जयपुर शहर में,, झोटवाड़ा क्षेत्र जयपुर शहर की विद्याधर नगर विधानसभा में आता है. झोटवाड़ा विधानसभा सीट प्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में से है. 2018 के चुनाव में इस सीट पर 49% मतदान हुआ. झोटवाड़ा विधानसभा सीट 2018 के चुनाव में पूरे राजस्थान में चर्चा में रही क्योंकि यहां पर जितने में हारने वाले दोनों ही प्रत्याशियों ने सबसे अधिक वोट लिए थे.


राजस्थान की सबसे बड़ी विधानसभा सीट झोटवाड़ा


4 लाख 20 हजार मतदाता, 347 मैदान केंद्रों पर करेंगे मतदान


भाजपा का गढ़ मानी जाने वाली सीटो में से एक झोटवाड़ा


2013 व 2018 भाजपा के राजपाल सिंह शेखावत लगातार 2 बार बने विधायक


जनता में विधायक की नाराजगी के चलते 2018 भाजपा को खोनी पड़ी झोटवाड़ा सीट


इस बार भाजपा ने खेला नया दांव


राजपूत की जगह राजपूत को रिप्लेस कर बदला प्रत्याशी
जाट राजपूत सर्वाधिक मतदाता वाली सीट है झोटवाड़ा


यादव ब्राह्मण एसटी एससी माने जा निर्णायक मतदाता


झोटवाड़ा सीट का जातीय समीकरण


झोटवाड़ा विधानसभा सीट जातिगत समीकरणों के आधार पर भाजपा के समर्थन में नजर आती है, इसलिए यह सीट भारतीय जनता पार्टी आसानी से जीती हुई आई है. इस सीट पर यादव, ब्राह्मण  निर्णायक भूमिका में रहे है. इसीलिए यह सीट बीजेपी आसानी से जीतती आई है. क्योंकि तकरीबन 70 हजार से अधिक जाट और 60 हजार से अधिक राजपूत मतदाता होने के चलते इस सीट पर यादव व ब्राह्मण निर्णायक भूमिका में रहते हैं. क्योंकि जाट और राजपूतों के बाद झोटवाड़ा में यादव और ब्राह्मण मतदाता खासी संख्या में है. इसलिए यहां भाजपा को आसानी से बड़ा वोट बैंक मिल जाता है. लेकिन लगातार दो बार विधायक रहने के चलते क्षेत्र के लोगों में विधायक से नाराजगी होने की वजह से 2018 में यहां से कांग्रेस के लालचंद कटारिया जीत कर आए.


2023 का विधानसभा चुनाव


अब 2023 के विधानसभा चुनाव में झोटवाड़ा विधानसभा सीट पर किसकी जीत होगी, यह तो झोटवाड़ा की जनता तय करेगी. लेकिन भाजपा के खाते वाली यह सीट लगातार दो बार राजपाल सिंह शेखावत के विधायक बनने से  क्षेत्र में उनकी नाराजगी के कारण कांग्रेस के खाते में चली गई. इस नाराजगी को मिटाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने इस बार कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को भारतीय जनता पार्टी से मैदान में उतारा है. हालांकि राजपाल सिंह निर्दलीय मैदान में उतरकर झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में त्रिकोणीय समीकरण बनाते हैं या फिर कांग्रेस भाजपा के आमने-सामने की टक्कर में जनता किसी एक को चुनती है. यह आने वाले वक्त ही बताएगा.


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